
Bihar Voter List Case: बिहार की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ दायर याचिकाओं पर बुधवार को लगातार दूसरे दिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। तीसरे दिन भी मामले की सुनवाई सुबह 11 बजे से होगी। दूसरे दिन की सुनवाई में कुछ अहम मुद्दे उभरकर सामने आए, जो इस मामले और मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) की दशा और दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। दूसरे दिन की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि बिहार की मतदाता सूची (SIR) मतदाता हितैषी है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर चुनाव आयोग ने मतदाताओं से सभी 11 दस्तावेज जमा करने को कहा होता, तो हम इसे मतदाताओं के विरुद्ध मानते।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि SIR में शामिल 11 दस्तावेज बिहार के ज़्यादातर मतदाताओं के पास नहीं मिलेंगे। वोटर कार्ड सबसे अच्छा पहचान पत्र है, इसे शामिल नहीं किया गया है। आधार, जो सबके पास उपलब्ध है, उसे भी इसमें शामिल नहीं किया गया है। बिहार में पासपोर्ट सिर्फ़ 1.1-2 प्रतिशत लोगों को ही मिलेगा। किसी को निवास प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा, जिनके पास ज़मीन नहीं है, उन्हें संपत्ति के दस्तावेज़ कैसे मिलेंगे। अभिषेक मनु सिंघवी ने यह भी कहा कि असम में चुनाव आयोग की ऐसी कार्रवाई से प्रभावित व्यक्ति विदेशी न्यायाधिकरण में जा सकता है, लेकिन बिहार में ऐसा कोई न्यायाधिकरण नहीं है।
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इस पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि प्रभावित व्यक्ति हाईकोर्ट जा सकता है। जस्टिस बागची ने सिंघवी से कहा कि हम आधार को लेकर आपकी दलील समझते हैं, लेकिन अगर आप नागरिकता सुनिश्चित करने के लिए वैध दस्तावेज़ों की सूची देखें, तो यह मतदाता के लिए सुविधाजनक लगता है।
सुप्रीम कोर्ट में लगातार दूसरे दिन विशेष मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) मामले की सुनवाई हुई। बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम टिप्पणी की। देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा- 'एसआईआर वोटर फ्रेंडली है। यह मतदाताओं के खिलाफ नहीं है। यह बिहार और बिहार की जनता के फ्रेंडली है।'
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के बारे में टिप्पणी की- 'बिहार के कई लोग प्रशासनिक सेवा में हैं। चाहे आईएएस, आईएफएस या आईपीएस की बात करें। देश की प्रतिष्ठित प्रशासनिक सेवा में बिहार के लोग हैं। बिहार के लोग पढ़े-लिखे हैं। वे गंभीर हैं।' कोर्ट ने कहा कि आज भी प्रशासनिक सेवा में बिहार के लोगों का दबदबा है। ऐसे में बिहार के लोगों को बदनाम करना ठीक नहीं होगा।
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