
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का रंग अब पूरी तरह चढ़ चुका है और इस बार मुकाबला पहले से ज्यादा कड़ा और दिलचस्प हो गया है। राज्य की 243 सीटों में से 51 विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के बीच सीधा आमना-सामना होने जा रहा है। हालांकि एनडीए और महागठबंधन दोनों ही कई घटक दलों के साथ मैदान में हैं, लेकिन सियासी हलकों में इन 51 सीटों की चर्चा सबसे ज्यादा है क्योंकि इन पर तय होगा कि सत्ता की राह किसकी होगी।
इस बार बीजेपी कुल 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि आरजेडी 143 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार रही है। इन दोनों दलों की सीधी भिड़ंत 51 सीटों पर है, यानी एक-तिहाई से ज्यादा सीटों पर मुख्य मुकाबला सिर्फ कमल बनाम लालटेन के बीच होगा। बाकी 50 सीटों पर भाजपा की टक्कर कांग्रेस, वीआईपी, हम या जदयू जैसे अन्य दलों से है। वहीं आरजेडी के 91 प्रत्याशी एनडीए के अन्य सहयोगियों. जदयू, लोजपा (रामविलास), हम और वीआईपी के उम्मीदवारों से जूझ रहे हैं। एक सीट पर राजद उम्मीदवार का नामांकन रद्द हो गया है।
सबसे ज्यादा सुर्खियों में दो सीटें हैं, राघोपुर, जहां से तेजस्वी यादव मैदान में हैं। तारापुर, जो उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का गढ़ है। इन दोनों सीटों पर बीजेपी और आरजेडी के बीच प्रतिष्ठा की सीधी टक्कर मानी जा रही है। तेजस्वी अपनी राजनीतिक विरासत और युवा नेतृत्व की ताकत पर जनता के बीच हैं, जबकि सम्राट चौधरी सरकार के कामकाज और सुशासन के नाम पर मैदान में हैं।
बीजेपी के दो दिग्गज पूर्व सांसद भी इस बार विधानसभा की जंग में किस्मत आजमा रहे हैं। रामकृपाल यादव (दानापुर) और सुनील कुमार पिंटू (सीतामढ़ी)। इन दोनों की भी सीधी भिड़ंत आरजेडी उम्मीदवारों से है, जिससे मुकाबला और दिलचस्प बन गया है।
2020 के चुनाव में आरजेडी ने 75 सीटें, जबकि बीजेपी ने 74 सीटें जीती थीं। दोनों दलों का प्रदर्शन लगभग बराबरी पर रहा था। यही वजह है कि इस बार इन 51 सीटों को निर्णायक सीटें कहा जा रहा है। जिन पर हार-जीत का अंतर सत्ता का समीकरण तय कर सकता है।
इनमें शामिल प्रमुख सीटें हैं। मधुबन, मोतिहारी, ढाका, परिहार, सीतामढ़ी, खजौली, बिस्फी, राजनगर, छातापुर, नरपतगंज, प्राणपुर, केवटी, कुढ़नी, साहेबगंज, बैकुंठपुर, सीवान, गोरियाकोठी, तरैया, अमनौर, हाजीपुर, लालगंज, पातेपुर, मोहिउद्दीनगर, कटोरिया, तारापुर, मुंगेर, बांकीपुर, दानापुर, बड़हरा, गुरुआ, वारिसलीगंज, जमुई, अलीनगर, बनियापुर, छपरा, सोनपुर, बाढ़, शाहपुर, रामनगर, नरकटियागंज, हरसिद्धि, कल्याणपुर, चिरैया, कोचाधामन, बायसी, राघोपुर, पीरपैंती, रामगढ़, मोहनियां, भभुआ और गोह।
इन सीटों की भौगोलिक फैलावट भी दिलचस्प है। उत्तर बिहार से लेकर सीमांचल और मगध तक हर इलाके में कमल और लालटेन की रोशनी एक-दूसरे से टकरा रही है। इन सीटों पर जातीय समीकरण, स्थानीय मुद्दे और उम्मीदवारों की व्यक्तिगत पकड़ निर्णायक भूमिका निभाने वाली है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार भाजपा के लिए सत्ता वापसी की राह इन्हीं सीटों से गुजरती है, जबकि राजद के लिए यह परीक्षा अपने “सबसे बड़े दल” के टैग को बरकरार रखने की है।
बिहार की राजनीति, सरकारी योजनाएं, रेलवे अपडेट्स, शिक्षा-रोजगार अवसर और सामाजिक मुद्दों की ताज़ा खबरें पाएं। पटना, गया, भागलपुर सहित हर जिले की रिपोर्ट्स के लिए Bihar News in Hindi सेक्शन देखें — तेज़ और सटीक खबरें Asianet News Hindi पर।