बिहार में अंधविश्वास का तांडव: कब्र से निकाला शव, तांत्रिक ने किया 'जीवित' करने का दावा, और फिर...

Published : Jun 22, 2025, 12:58 PM IST
Superstition

सार

Bagha News: बिहार के बगहा में एक बच्चे की मौत के बाद तांत्रिक महिला ने तंत्र-मंत्र से उसे जीवित करने का दावा किया। परिजनों ने कब्र से शव निकाला, भीड़ जमा हो गई। पुलिस ने हस्तक्षेप कर शव दफनाया और तांत्रिक को हिरासत में लिया।

Superstition News in Bihar: बगहा टाउन थाना क्षेत्र के खरपोखरा गांव में सुखदेव पटेल के 10 वर्षीय पुत्र संदीप कुमार की शुक्रवार को अचानक मौत हो गई थी। परिजनों ने शव को कब्र में दफना दिया था। लेकिन शनिवार को गांव की ही एक महिला ने दावा किया कि वह तंत्र-मंत्र से बच्चे को जीवित कर सकती है। यह सुनकर परिजनों ने बच्चे के शव को कब्र से बाहर निकाला। महिला ने जैसे ही मृत बच्चे को जीवित करने का दावा किया, गांव में अफरा-तफरी मच गई। बड़ी संख्या में लोग जुट गए और घंटों तंत्र-मंत्र का तमाशा चलता रहा।

सैंकड़ो की संख्या में जुट गई भीड़

ग्रामीणों की मदद से बच्चे के शव को फिर से कब्र से बाहर निकाला गया। इसके बाद तांत्रिक महिला ने शव को जमीन पर रख दिया और उसके चारों ओर लकीर खींच दी, अगरबत्ती जलाई और मंत्रोच्चार करने लगी। उसने शव पर सरसों के दाने और अन्य तांत्रिक चीजें फेंकी। यह नजारा देखने के लिए आसपास के गांवों से भारी भीड़ जुट गई। लोग रेलवे ट्रैक पर भी पहुंच गए, जिससे रेल यातायात भी प्रभावित हुआ। भीड़ में मौजूद किसी ने भी इस अंधविश्वास पर सवाल नहीं उठाया।

पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की

घटना की सूचना मिलते ही बगहा थानाध्यक्ष अनिल कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने तत्काल हस्तक्षेप कर शव को दोबारा दफना दिया और तांत्रिक महिला ज्ञानती देवी को हिरासत में ले लिया। हालांकि महिला की गिरफ्तारी के विरोध में ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। स्थिति बिगड़ती देख पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा, जिसके बाद स्थिति नियंत्रण में आई।

पुलिस ने अंधविश्वास के खिलाफ सख्ती दिखाई

एसएचओ अनिल कुमार ने बताया कि इस तरह की घटनाएं समाज के लिए बेहद खतरनाक हैं। लोग अंधविश्वास और झूठे दावों से खुद को और समाज को नुकसान पहुंचाते हैं। हमने तांत्रिक महिला को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ शुरू कर दी है और पूरे मामले की गहनता से जांच की जा रही है। किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

अंधविश्वास का वीभत्स चेहरा

यह घटना सिर्फ एक बच्चे की दुखद मौत तक सीमित नहीं थी, बल्कि यह समाज में गहरे तक फैले अंधविश्वास की भयावह सच्चाई को भी उजागर करती है। दुख की इस घड़ी में जब परिवार को सहानुभूति और संवेदनशील सहारे की जरूरत थी, तब तांत्रिक महिला ने उन्हें झूठी उम्मीद देकर और दर्द दे दिया। अब प्रशासन और समाज की संयुक्त जिम्मेदारी है कि ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई की जाए और लोगों को जागरूक किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

पंचायत मुखिया दुर्गेश ठाकुर और पुलिस ने लोगों को अंधविश्वास से दूर रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि विज्ञान के इस युग में काला जादू और टोना टोटका जैसे अंधविश्वास में पड़ना गलत है। उन्होंने भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने की अपील की। ​​पुलिस और मुखिया की सलाह पर ग्रामीणों ने अपनी गलती स्वीकार की और भविष्य में ऐसे किसी अंधविश्वास में न पड़ने का वादा किया। इस घटना से पता चलता है कि आज भी कई ग्रामीण इलाके अंधविश्वास की गिरफ्त में हैं और जागरूकता की सख्त जरूरत है।

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