वोटर अधिकार यात्रा पटना में होगा 'गांधी से अंबेडकर' मार्च का रोमांचक समापन, जानिए क्यों हर कोई हैरान है!

Published : Sep 01, 2025, 11:32 AM IST
Congress voter rights march

सार

क्या बिहार में कांग्रेस का 1,300 Km का मतदाता अधिकार मार्च चुनावी खेल बदल देगा? आज समापन, राहुल गांधी और विपक्षी नेताओं के नेतृत्व में 65 लाख वोटर्स के नाम हटाने के सवाल पर उठे राजनीतिक तूफान की दहशत। क्या यह सिर्फ विरोध है या लोकतंत्र की लड़ाई?

Congress Voter Rights Yatra Bihar: बिहार की राजनीति में एक बार फिर बड़ा हलचल मची हुई है। कांग्रेस आज पटना में अपनी 1,300 किलोमीटर लंबी मतदाता अधिकार यात्रा का भव्य समापन कर रही है। 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई यह यात्रा राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के माध्यम से लोगों के मताधिकार पर कथित हमले को उजागर करने के लिए आयोजित की गई थी।

कौन-कौन हैं यात्रा में शामिल?

इस 14 दिवसीय यात्रा में कई विपक्षी नेताओं ने हिस्सा लिया। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राजद नेता तेजस्वी यादव, भाकपा (माले) लिबरेशन महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, भाकपा महासचिव डी राजा, माकपा महासचिव एम ए बेबी, शिवसेना नेता संजय राउत, राकांपा कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले और तृणमूल कांग्रेस के यूसुफ पठान व ललितेश त्रिपाठी इस यात्रा का हिस्सा बने। यात्रा का प्रारंभ गांधी मैदान से हुआ, जहां महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। इसके बाद जुलूस एसपी वर्मा रोड, डाक बंगला चौराहा, कोतवाली थाना, नेहरू पथ, आयकर गोलचक्कर होते हुए पटना उच्च न्यायालय के पास बीआर अंबेडकर की प्रतिमा तक पहुंचा।

क्या यह सिर्फ यात्रा है या लोकतंत्र पर हमला?

विपक्षी दलों का आरोप है कि एसआईआर के तहत प्रकाशित मसौदा मतदाता सूची से 65 लाख लोगों के नाम हटाना उनके मताधिकार पर हमला है। चुनाव आयोग ने हटाए गए नामों को जारी किया था और सुप्रीम कोर्ट ने 19 अगस्त तक उन्हें प्रकाशित करने तथा 22 अगस्त तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए।

गांधी से अंबेडकर मार्च: राजनीतिक संगम या लोकतंत्र की पुकार?

पटना की सड़कों पर विभिन्न विपक्षी दलों के पोस्टर और बैनर लगे हुए हैं। कांग्रेस नेताओं ने इसे "धार्मिक तीर्थयात्रा" की तरह बताया, जिसमें सभी धर्मों के लोग शामिल हैं। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, "यह यात्रा 1 सितंबर को समाप्त होगी, लेकिन लोकतंत्र की रक्षा की दिशा में यह एक नई शुरुआत है।"

क्या यह यात्रा बिहार विधानसभा चुनावों पर प्रभाव डालेगी?

यात्रा ने राज्य के 38 जिलों में से 25 जिलों के 110 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया। सवाल उठता है कि क्या यह लंबी यात्रा मतदाता जागरूकता बढ़ाने में सफल होगी, या 65 लाख नाम हटाए जाने के विवाद ने राजनीतिक वातावरण को और संवेदनशील बना दिया है। इस यात्रा के समापन के साथ ही सभी की निगाहें पटना पर टिकी हैं-क्या प्रशासन इस मुद्दे पर जवाबदेही सुनिश्चित करेगा और क्या विपक्षी दलों की यह पहल लोकतंत्र की सुरक्षा की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी?

PREV

बिहार की राजनीति, सरकारी योजनाएं, रेलवे अपडेट्स, शिक्षा-रोजगार अवसर और सामाजिक मुद्दों की ताज़ा खबरें पाएं। पटना, गया, भागलपुर सहित हर जिले की रिपोर्ट्स के लिए Bihar News in Hindi सेक्शन देखें — तेज़ और सटीक खबरें Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

सिर्फ 1 रुपए में यहां की सरकार दे रही है जमीन! जानें नियम और आखिरी तारीख
Patna Weather Today: पटना में 6 दिसंबर को कैसा रहेगा मौसम, IMD ने दी चेतावनी