
पटना। सीएम नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार द्वारा पेश आम बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा कि बिहार को बजट से निराशा मिली है। फिर राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की अनदेखी हुई। देश का समावेशी विकास तब तक संभव नहीं है। जब तक बिहार सरीखे राज्यों को आगे नहीं बढाया जाता। उधर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार ने हमें फिर ठगा।
आम बजट में दूरदृष्टि का अभाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि पेश किए गए आम बजट में दूरदृष्टि का अभाव है। हर साल बजट की प्राथमिकताएं बदलती हैं, उन पर फोकस और निधि की कमी की वजह से वह पूरी नहीं हो पा रही हैं। वित्त मंत्रियों की मीटिंग में प्रदेश के लिए 20 हजार करोड़ रुपये की मांग थी। पर बजट में उसे स्थान नहीं दिया गया। रोजगार का कोई खांका बजट में नहीं दिख रहा है।
ऋण की सीमा में कोई रियायत नहीं मिली
नीतीश ने कहा कि ऋण की सीमा में कोई रियायत नहीं मिली। सरकार ने अपने दिए गए ज्ञापन में कहा था कि इस सीमा को 4.5 प्रतिशत ( 4% एवं 0.5% सशर्त) तक रखने का आग्रह किया गया था, जो पिछड़े राज्यों के लिए लाभदायक होता, पर इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। बजट सिर्फ पुरानी योजनाओं की रि—पैकेजिंग है। वह इससे समझा जा सकता है कि बजट में केंद्र सरकार की सिर्फ सात प्राथमिकताओं का ही निर्धारण किया गया है। बजट से राज्य को लाभ होता नहीं दिख रहा है।
मोदी सरकार ने एक बार फिर हमें ठगा: तेजस्वी
उधर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि मोदी सरकार ने एक बार फिर हमें ठगा है। आम बजट से कोई उम्मीद नहीं थी। भाजपाइयों ने शुरू से ही बिहारियों को ठगने का काम किया है। पूर्व में जब बजट पेश होता था तो सबका ध्यान रखा जाता था। पर अब पेश किए जा रहे बजट में किसी का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। पहले रेल का बजट अलग होता था तो लोग बजट को आशा भरी नजर से देखते थे। पर अब ऐसा नहीं है।
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