Bihar News: बिहार की पूर्व CM राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती को राउज एवेन्यू कोर्ट से राहत, लैंड फॉर जॉब केस में मिली अंतरिम जमानत

ED ने एक प्रेस रिलीज जारी कर एक PMLA के तहत अमित कत्याल, राबड़ी देवी, मीशा भारती, हेमा यादव और हृदयानंद चौधरी के खिलाफ कथित नौकरी के लिए जमीन घोटाले में आगे की सुनवाई के लिए 9 फरवरी, 2024 को उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी किया था।

sourav kumar | Published : Feb 9, 2024 5:42 AM IST / Updated: Feb 09 2024, 12:17 PM IST

लैंड फॉर जॉब। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनकी बेटियां मीसा भारती और हेमा यादव जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में शुक्रवार (9 फरवरी) को यहां राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुईं। इसके बाद लैंड फॉर जॉब मामले में लालू यादव प्रसाद के परिवार को राहत मिली है। बता दें कि शुक्रवार (9 फरवरी) को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से राबड़ी देवी समेत उनके बेटी मीसा भारती और हेमा यादव और हृदयानंद चौधरी को भी अंतरिम जमानत मिली है। वहीं शुक्रवार को राउज ऐवन्यू कोर्ट में पेश होने के लिए पहुंचने के बाद स्पेशल जज विशाल गोगने की कोर्ट में पेशी हुई थी।

ED ने एक प्रेस रिलीज जारी कर एक PMLA के तहत अमित कत्याल, राबड़ी देवी, मीशा भारती, हेमा यादव और हृदयानंद चौधरी के खिलाफ कथित नौकरी के लिए जमीन घोटाले में आगे की सुनवाई के लिए 9 फरवरी, 2024 को उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी किया था।

ED ने 1 जनवरी, 2024 को अमित कत्याल, राबड़ी देवी, मीशा भारती, हेमा यादव, हृदयानंद चौधरी और दो कंपनियों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) 2002 के प्रावधानों के तहत अभियोजन शिकायत (PC) दर्ज की थी। ED ने कथित घोटाले में विशेष न्यायालय (PMLA) नई दिल्ली के समक्ष जिन दो कंपनियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी, वो ए के इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और ए बी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट थी।

ED ने चार हजार से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट दाखिल की

ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए सभी आरोपियों को राउज एवेन्यू कोर्ट ने 9 को पेश होने को कहा गया था। कोर्ट का समन ईडी के अधिकारियों ने 1 फरवरी को राबड़ी आवास आकर रिसीव कराया था। ED ने इस मामले में चार हजार से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। वहीं प्रमुख एजेंसी ने नौकरी के बदले जमीन घोटाले से संबंधित CBI द्वारा दर्ज की गई एक FIR के आधार पर जांच शुरू की थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव ने 2004-2009 की अवधि के दौरान भारतीय रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर नियुक्ति के लिए भ्रष्टाचार में लिप्त थे।

FIR के अनुसार उम्मीदवारों को भारतीय रेलवे में नौकरी के बदले में रिश्वत के रूप में जमीन ट्रांसफर करने के लिए कहा गया था। CBI ने आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया था। ED ने आरोप लगाया कि लालू के रिश्तेदार राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव ने नौकरी के लिए उम्मीदवारों के परिवार से जमीन की मांग की थी।

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