
गोपालगंज। एक किशोरी के भाई की वर्ष 2016 में दाहा नदी में डूबने से मौत हो गयी थी। किशोरी को भाई की मौत का गहरा सदमा लगा। तभी से वह बार-बार नदी की तरफ जाने की कोशिश करती थी। परिवार वाले उसे नदी के पास जाने से रोकते थे, पर वह नहीं मानती थी। अक्सर कहती थी कि भैया बुला रहे हैं। शनिवार को एक बार फिर वह नदी की तरफ गयी थी। परिजनों ने उसे बहुत ढूंढा, पर वह नहीं मिली। रविवार को उसकी लाश नदी से बरामद की गयी।
नदी के पास जाने के लिए किया जाता था मना
निशु कुमारी (16) थावे थाना क्षेत्र की लक्षवार गांव की रहने वाली थी। स्थानीय लोगों का कहना है भाई की मौत से वह परेशान थी और अक्सर नदी की तरफ चली जाती थी। उसके माता-पिता उसे ढूंढते हुए जाते थे, नदी के पास से उसे लेकर घर आते थे। उसे नदी के पास जाने के लिए मना किया जाता था, पर वह नहीं मानती थी। अक्सर नदी के पास जाने की कोशिश में रहती थी। शनिवार को भी यही हुआ। घर के लोग महाशिवरात्रि के पूजा की तैयारी में जुटे थे और तभी मौका पाकर निशु नदी की तरफ निकल गयी।
मछुआरों ने देखी लाश
परिजनों ने उसे काफी तलाशा। पर वह नहीं मिली। रविवार दोपहर को कुछ मछुआरे नदी की तरफ गए थे। जब वह नदी के पास पहुंचे तो वहां उन्हें निशु की लाश दिखायी दी। उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। तब घर वालों को जानकारी हुई।
भाई की मौत के बाद बदल गया था व्यवहार
मृतका के परिजनों का कहना है कि निशु के बड़े भाई आकाश की दाहा नदी में डूबने से मौत हो गई थी। आकाश भाई और बहनों में बड़ा था। निशु सबसे छोटी थी। आकाश अपनी बहन निशु को बहुत प्यार करता था। भाई की मौत के बाद से ही निशु का व्यवहार बदल गया था।
मौत के वर्षों बाद भी भूल नहीं पायी
आकाश की मौत का निशु के दिमाग पर गहरा असर पड़ा था। कई बार वह नींद से जाग उठती थी और भैया, भैया पुकार कर रोती थी। उसकी बातें सुनकर घर वाले उसे समझाते थे। पिछले महीनों से उसकी यह हालत और ज्यादा बिगड़ गई थी। मौत के इतने वर्षों बाद भी वह अपने भाई को नहीं भुला सकी थी।
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