
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों के बाद राज्य में एक बार फिर एनडीए सरकार के गठन की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनने जा रही नई सरकार को लेकर सियासी हलचल तेज है। अभी तक मिल रही जानकारी के अनुसार सीएम नीतीश 19 नवंबर को इस्तीफा देने के बाद सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं। इसके बाद 20 नवंबर 2025 को पटना स्थित ऐतिहासिक गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन होगा। शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियाँ बड़े पैमाने पर जारी हैं। यह कार्यक्रम न सिर्फ राजनीतिक तौर पर अहम माना जा रहा है बल्कि राष्ट्रीय स्तर के वीवीआईपी और हाई-प्रोटोकॉल मेहमानों की मौजूदगी के कारण यह एक बड़ा सुरक्षा आयोजन बन चुका है।
शपथ ग्रहण समारोह की सबसे बड़ी बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। इसके अलावा देश के कई प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों, वरिष्ठ राजनेताओं, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और विशिष्ट मेहमानों के भी पहुंचने की संभावना है। इस वजह से कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर का हाई-प्रोफाइल राजनीतिक आयोजन माना जा रहा है।
समारोह की सुरक्षा और प्रोटोकॉल को लेकर सोमवार को पटना के गांधी मैदान में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता पटना जिलाधिकारी (DM) डॉक्टर त्यागराजन एस एम ने की, जबकि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) समेत अन्य पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी इस महत्वपूर्ण बैठक में मौजूद रहे। बैठक में मजिस्ट्रेट तैनाती, पुलिस सेक्टर प्लान, VIP मूवमेंट रूट चार्ट, पार्किंग व्यवस्था, भीड़ प्रबंधन, आपातकालीन एम्बुलेंस सिस्टम, फायर ब्रिगेड डिप्लॉयमेंट और एंटी-ड्रोन स्कैनिंग सिस्टम जैसे बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार, SPG व सुरक्षा एजेंसियों की टीमें भी जल्द मैदान का इंस्पेक्शन और स्पॉट-टेस्टिंग करेंगी।
शपथ ग्रहण कार्यक्रम को देखते हुए जिला प्रशासन ने 17 नवंबर की सुबह से 20 नवंबर की रात तक गांधी मैदान में आम नागरिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है। इस दौरान मैदान में निम्न कार्य किए जाएंगे...
अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि गैर-जरूरी वाहनों और निजी कार्यक्रमों को मैदान में किसी भी हाल में अनुमति नहीं दी जाएगी।
चूंकि कार्यक्रम में प्रधानमंत्री सहित कई हाई-लेवल VIP शामिल होंगे, इसलिए सुरक्षा प्लान Z+ मानकों पर बनाया जा रहा है। संभावित व्यवस्था में शामिल हैं...
अधिकारियों ने संकेत दिया है कि कार्यक्रम स्थल में मोबाइल नेटवर्क फ्रीक्वेंसी कंट्रोल सिस्टम भी सक्रिय हो सकता है।
गांधी मैदान पहले भी JP आंदोलन, बिहार दिवस, राजकीय समारोहों, और राष्ट्रपति–प्रधानमंत्री स्तर के आयोजनों का गवाह रहा है। अब एक बार फिर यह मैदान राज्य की सरकार गठन की ऐतिहासिक घड़ी को दर्ज करने जा रहा है।
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