लालू यादव पत्नी राबड़ी देवी के साथ 10 साल बाद ससुराल पहुंचे तो दामाद के तेवर में नजर आए। उन्होंने कहा कि जब तक गाड़ी तक कोई रिसीव करने के लिए नहीं आएगा तब तक गाड़ी में ही बैठा रहूंगा। बाद में उनके साले आए और लालू को लेकर अंदर गए।
बिहार। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू यादव का अंदाज हमेशा से सबसे हटकर रह है। राजनीति के मंझे हुए नेता होने के साथ अपने हंसमुख अंदाज के लिए भी उन्हें खूब पसंद किया जाता है। लालू यादव मंगलवार को 6-7 साल बाद पत्नी के साथ अपने गांव फुलवरिया पहुंचे। इसके बाद अपनी ससुराल क सेलार कला गांव पहुंचे।
राबड़ी को लेकर गई घर की महिला, लालू को छोड़ा
ससुराल में लालू यादव की गाड़ी पहुंची तो पूरे गांव की भीड़ उन्हें देखने के लिए जमा हो गई। गाड़ी में से ही लालू यादव और राबड़ी देवी लोगों का अभिवादन स्वीकार करने लगी। इस दौरान घर की एक महिला आई और राबड़ी से मिली और उन्हें लेकर घर के अंदर चली गई।
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तेज प्रताप भी उतरकर चल दिए पर लालू नहीं उतरे
राबड़ी के घर के अंदर जाने पर तेज प्रताप भी ननिहाल में घर के अंदर जाने के लिए उतर गए लेकिन लालू यादव गाड़ी में ही बैठे रहे। लालू बोले- ससुराल आया हूं, जब तक कोई रिसीव करने नहीं आएगा, गाड़ी से नहीं उतरूंगा। इतना कहने के बाद लालू ने गाड़ी से उतरने से मना कर दिया।
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भागकर गाड़ी तक मनाने पहुंचे राबड़ी के भाई
दामाद के रूठने की खबर मिलते ही राबड़ी के चचेरे भाई रमाकांत यादव भागकर गाड़ी पर पहुंचे और हाथ जोड़कर उनको मनाया। हालांकि मामला मजाक में ही था लेकिन इसके बाद लालू यादव ससुराल में घर के अंदर गए। हालांकि लालू यादव के अपने साले यानी राबड़ी के सगे भाई प्रभुनाथ यादव, साधु यादव और सुभाष यादव गांव में उस समय नहीं थे।