
मोकामाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की गहमागहमी के बीच मोकामा विधानसभा क्षेत्र के घोसबरी इलाके में गुरुवार (30 अक्टूबर) को हुई दुलारचंद यादव की हत्या ने राजनीतिक माहौल को पूरी तरह गरमा दिया है। जन सुराज के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के काफिले के साथ चल रहे दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना ने एक बार फिर मोकामा की राजनीति में व्याप्त बाहुबल और वर्चस्व की लड़ाई को हिंसक मोड़ दे दिया है।
दुलारचंद यादव का सियासी सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा। एक समय उनकी गिनती राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के उन वरिष्ठ नेताओं में होती थी जो पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के काफी करीबी माने जाते थे। मोकामा-टाल क्षेत्र की क्षेत्रीय राजनीति पर उनकी गहरी पकड़ थी और वे सामाजिक-जातीय समीकरणों को साधने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे।
हालांकि, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में उन्होंने अपनी दिशा बदल ली थी। उन्होंने राजद के बाहुबली उम्मीदवार अनंत सिंह का विरोध करते हुए जन सुराज के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी उर्फ़ लल्लू मुखिया का खुलकर समर्थन करना शुरू कर दिया था। दुलारचंद यादव, जिन्हें उनके समर्थकों के बीच 'टाल का बादशाह' भी कहा जाता था, प्रचार अभियान में बेहद सक्रिय थे।
दुलारचंद यादव चुनावी प्रचार में अपनी बोलने की कला और तीखे राजनीतिक बयानों के लिए जाने जाते थे। उनका मुख्य निशाना NDA उम्मीदवार और चर्चित बाहुबली अनंत सिंह थे। वह सार्वजनिक रूप से अनंत सिंह के विरुद्ध बयानबाजी और टिप्पणियां कर रहे थे।
अपनी सक्रियता दर्शाते हुए उन्होंने जन सुराज के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के लिए एक गाना भी रिकॉर्ड करवाया था, जिसने इलाके के राजनीतिक तापमान को और बढ़ा दिया था। उनके निर्भीक राजनीतिक रुख को उनके विरोधियों के खिलाफ एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा था।
जन सुराज उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी और दुलारचंद के परिजनों ने इस हत्याकांड के लिए सीधे तौर पर अनंत सिंह के समर्थकों को जिम्मेदार ठहराया है। दुलारचंद यादव के पोते नीरज कुमार ने दावा किया है कि कर्मवीर और राजवीर नामक व्यक्तियों ने गोली मारी है।
नीरज कुमार ने आरोप लगाया, ''ये अनंत सिंह का प्री-प्लान्ड मर्डर है क्योंकि दादा अनंत सिंह पर काफी दिनों से विवादित बयान दे रहे थे और वह उनसे नाराज थे। अनंत सिंह की गाड़ी को कोई चेक नहीं करता है, उनकी गाड़ी में हमेशा हथियार रहता है।" परिजनों ने यह भी कहा है कि जब तक आरोपी गिरफ्तार नहीं होते, वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। उनका आरोप है कि हमले के समय अनंत सिंह की 18-19 गाड़ियां थीं, जबकि उनके पक्ष की सिर्फ एक गाड़ी थी।
मोकामा में दुलारचंद हत्याकांड पर पटना पुलिस की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई, जिसमें बताया गया है कि दुलारचंद यादव उस क्षेत्र के पूर्व के अपराधी रहे हैं, जिन पर हत्या, आर्म्स एक्ट के कई कांड दर्ज थे। मीडिया में भी 2019 की ऐसी खबरें आई थीं जब उन्हें पटना ग्रामीण इलाके में 'कुख्यात गैंगस्टर' बताकर गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस के अनुसार, उनकी मृत्यु संदेहास्पद परिस्थिति में होना प्रतीत होता है। पुलिस की टीम मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई है और कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने कहा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट, CCTV फुटेज और अनुसंधान से एकत्रित साक्ष्य के आधार पर घटना का वास्तविक कारण स्पष्ट हो सकेगा। इस हत्याकांड ने मोकामा सीट को एक बार फिर बिहार चुनाव की सबसे चर्चित और हिंसक सीटों में से एक बना दिया है, जहाँ कानून-व्यवस्था बनाए रखना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।
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