बिहार चुनाव 2025: 121 सीटों पर नामांकन स्टार्ट, तिरहुत-मिथिलांचल में NDA-शाहाबाद में महागठबंधन भारी

Published : Oct 10, 2025, 12:52 PM IST
Bihar Election 2025 dates declaration

सार

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की घोषणा के साथ पहले चरण की 121 सीटों पर नामांकन शुरू हो गया है। NDA और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला है, जिसे जन सुराज और AIMIM जैसी नई पार्टियां दिलचस्प बना रही हैं। 2020 में इन सीटों पर मुकाबला बराबरी का रहा था।

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों की घोषणा के साथ ही सियासी तापमान अपने चरम पर पहुंच चुका है। चुनाव आयोग ने जैसे ही बिगुल बजाया, वैसे ही सड़कों से लेकर सियासी गलियारों तक कौन जीतेगा बिहार का शोर गूंजने लगा। अब जब पहले चरण की 121 विधानसभा सीटों पर आज से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है, तो तिरहुत-मिथिलांचल से लेकर शाहाबाद तक का मैदान पूरी तरह तैयार है।

पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटें, मुकाबला बराबरी का

6 नवंबर को पहले चरण के तहत 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान होना है। इन सीटों में सबसे अधिक हिस्सेदारी उत्तर बिहार के तिरहुत और मिथिलांचल क्षेत्रों की है। जहां अब तक एनडीए का दबदबा रहा है। वहीं, शाहाबाद, सारण और पटना के इलाकों में महागठबंधन ने पिछले चुनावों में जबरदस्त प्रदर्शन किया था। 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए ने 59 सीटें और महागठबंधन ने 61 सीटें जीती थीं। इस बार मुकाबला और भी टक्कर का होने जा रहा है, क्योंकि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी और एआईएमआईएम भी कुछ सीटों पर समीकरण बिगाड़ने की तैयारी में हैं।

तिरहुत-मिथिलांचल में एनडीए का किला, शाहाबाद में महागठबंधन का पलड़ा भारी

आंकड़ों पर नजर डालें तो तिरहुत-मिथिलांचल की 70 सीटों में से आधे पर एनडीए का मजबूत प्रभाव है। 2020 में बीजेपी और जेडीयू ने दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर और नालंदा जैसे जिलों में शानदार प्रदर्शन किया था। वहीं, पटना, भोजपुर, सिवान, बेगूसराय और समस्तीपुर जैसे जिलों में महागठबंधन ने अपनी पकड़ बनाए रखी थी।

2020 बनाम 2025

2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 32, जेडीयू ने 23 और वीआईपी ने 4 सीटें जीती थीं। महागठबंधन में आरजेडी के पास 42, कांग्रेस के 8, माले के 7 और अन्य वामदलों के पास 4 सीटें थीं। इस बार मुकाबला सीधा नीतीश कुमार बनाम तेजस्वी यादव, और मोदी बनाम राहुल के नैरेटिव पर सिमटता दिख रहा है।

लोकसभा में एनडीए को झटका, विधानसभा में वापसी की चुनौती

लोकसभा चुनाव में शाहाबाद क्षेत्र में एनडीए को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था, जिससे महागठबंधन का मनोबल ऊंचा हुआ है। हालांकि उपचुनावों में एनडीए ने कुछ झंडे भी गाड़े हैं, जिससे मुकाबला संतुलन पर है। नीतीश कुमार सरकार ने पिछले महीनों में लोकलुभावन फैसले लिए हैं। युवाओं के रोजगार, महिलाओं की सुरक्षा और सामाजिक योजनाओं पर फोकस बढ़ाया गया है।

सियासी समीकरण और नई पार्टियों की एंट्री से खेल दिलचस्प

इस बार मैदान में सिर्फ दो गठबंधन नहीं हैं। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी, ओवैसी की AIMIM कई सीटों पर मुकाबले को त्रिकोणीय बना रही हैं। पीके की जन सुराज की पहली लिस्ट ने पहले ही सभी का ध्यान खींचा है। डॉक्टर, किन्नर, एक्टर से लेकर पूर्व अफसर तक उम्मीदवार बनाए गए हैं।

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