
पूर्णिया जिले में शुक्रवार को हुए वंदे भारत ट्रेन हादसे ने अब नया मोड़ ले लिया है। इस दर्दनाक घटना में चार मासूमों की मौत हुई थी और एक बच्चा जखमी हो गया था, लेकिन अब मृतकों के परिजनों ने चौंकाने वाला दावा किया है। परिवारों का कहना है कि यह कोई हादसा नहीं बल्कि सोची-समझी हत्या की साजिश है। परिजनों के इस आरोप के बाद पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने मामले को गंभीर बताते हुए पूर्णिया रेंज के IG से सीधे बात की और तत्काल जांच की मांग की है।
मृतकों के परिवारों का कहना है कि बच्चों की लाशें जिस तरह से एक साथ पड़ी मिलीं, उससे साफ झलकता है कि उन्हें कहीं और मारकर रेलवे ट्रैक पर फेंका गया है। परिजनों का कहना है कि अगर ट्रेन से टक्कर होती, तो शव बुरी तरह क्षत-विक्षत होते और अलग-अलग जगह बिखरे रहते। लेकिन सभी शव एक ही स्थान पर और सही सलामत मिले, जिससे उन्हें शक है कि ये रेल हादसा नहीं बल्कि पहले से रची गई साजिश है।
परिवारों ने यह भी आरोप लगाया कि एक ठेकेदार ने उनके बच्चों को पहले कई बार धमकाया था। उनका कहना है कि वही ठेकेदार इस हत्या के पीछे है और उसी ने इन बच्चों को मरवाकर शव पटरी पर फेंक दिए ताकि इसे ट्रेन हादसे का रूप दिया जा सके।
शनिवार को पूर्णिया सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव मृतकों के परिजनों से मिलने पहुंचे। जब परिवारों ने अपनी आपबीती और शक जताया, तो पप्पू यादव ने तुरंत पूर्णिया रेंज के IG को फोन लगाया और मामले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि परिजनों ने जो आरोप लगाए हैं, वो बेहद गंभीर हैं और पुलिस को इसकी गहराई से जांच करनी चाहिए।
पप्पू यादव ने IG से कहा कि यदि यह हत्या है तो जिम्मेदारों पर तुरंत कार्रवाई की जाए। उन्होंने पुलिस से आग्रह किया कि इस घटना को महज रेल हादसा मानकर बंद न किया जाए, बल्कि हर शक की दिशा में जांच होनी चाहिए।
यह हादसा शुक्रवार शाम कसबा गुमटी के पास हुआ था। रेलवे ट्रैक पर पांच नाबालिग बच्चे मिले थे, जिनमें से चार की मौके पर मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल अवस्था में मिला। पुलिस ने सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। मृतकों की पहचान सुंदर कुमार (15 वर्ष), जिगर कुमार (15 वर्ष), सिंटू कुमार (14 वर्ष) और रोहित कुमार (14 वर्ष) के रूप में हुई है। वहीं घायल बच्चे की पहचान कुलदीप कुमार (14 वर्ष) के रूप में की गई है। सभी बच्चे बनमनखी के चांदपुर भंगहा गांव के रहने वाले थे और मेला देखने कसबा आए थे।
घटना की जानकारी मिलते ही सांसद पप्पू यादव पटना से सीधे पूर्णिया पहुंचे। उन्होंने मृतकों के परिवारों से मुलाकात की और हर परिवार को 20-20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी। उन्होंने कहा कि यह रकम सांत्वना के लिए है, लेकिन सबसे जरूरी है कि सच सामने आए और दोषियों को सजा मिले। पप्पू यादव ने मीडिया से कहा कि “यह मामला बेहद संवेदनशील है। गरीब परिवारों के घरों के चिराग बुझ गए हैं। अगर यह हत्या है तो यह मानवता के खिलाफ जघन्य अपराध है। पुलिस प्रशासन को निष्पक्ष और तेज़ जांच करनी चाहिए।”
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा और डर दोनों है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या सचमुच यह वंदे भारत ट्रेन हादसा था या बच्चों की हत्या कर पटरी पर पटक दिया गया। इलाके में अब यह चर्चा का बड़ा विषय बन गया है। फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन परिजनों के आरोपों ने पूरे घटनाक्रम को संदेह के घेरे में ला दिया है। लोग यह उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन जल्द ही सच्चाई सामने लाएगा और मृतकों के परिवारों को न्याय दिलाएगा।
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