
Dog Babu Certificate Case: पटना के मसौढ़ी इलाके में प्रशासन की एक लापरवाही इंटरनेट पर मज़ाक का विषय बन गई जब एक ‘कुत्ता बाबू’ नामक कुत्ते के नाम पर सरकारी निवास प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। इस फर्जी प्रमाण पत्र में माता का नाम ‘कुतिया देवी’ और पिता का नाम भी ‘कुत्ता बाबू’ दर्ज किया गया था।
यह निवास प्रमाण पत्र सोशल मीडिया पर उस समय वायरल हो गया जब इसमें एक आवारा कुत्ते की तस्वीर, नाम और माता-पिता की जगह बेहद आपत्तिजनक शब्द देखे गए। दस्तावेज़ के स्क्रीनशॉट्स वायरल होने पर पूरे प्रशासन की किरकिरी शुरू हो गई।
कई सोशल मीडिया यूजर्स ने पूछा कि जब सुप्रीम कोर्ट आधार और राशन कार्ड को निवास प्रमाण के रूप में मान्य करने की सलाह दे रहा है, तो ऐसे ऑनलाइन सिस्टम से बिना जांच इस तरह के प्रमाण पत्र कैसे जारी हो सकते हैं?
पटना ज़िला प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए बताया कि प्रमाण पत्र 24 जुलाई को जारी हुआ था और उसी दिन रद्द कर दिया गया। आवेदक, कंप्यूटर ऑपरेटर और प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारी के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। साथ ही कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी समाप्त कर दी गई है और अधिकारी को निलंबन की सिफारिश भेजी गई है।
जांच में यह भी सामने आया कि यह आवेदन दिल्ली में रहने वाली एक महिला के आधार कार्ड से किया गया था, और बिना तथ्य जांचे आवेदन को प्रोसेस किया गया। इससे सवाल उठता है कि ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में मानवीय सत्यापन की क्या भूमिका है?
इस घटना ने सरकारी दस्तावेज़ी प्रक्रिया की गंभीरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह किसी की शरारत या सिस्टम को ट्रोल करने की साजिश थी, या सिस्टम में एक बड़ा ब्लाइंड स्पॉट?
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