जिस होटल में बाबा के रहने की व्यवस्था की गई है, वहां तो भक्तों का तांता लगा रहता है। बाबा का आशीर्वाद लेने के लिए भक्तों के बीच धक्का-मुक्की भी होती है। पंडित धीरेंद्र शास्त्री जब भी कथा से वापस होटल की तरफ जाते हैं। तब भी श्रद्धालुओं की भीड़ इकट्ठा रहती है।