उपेन्द्र कुशवाहा ने बिहार की सियासत में उथल-पुथल मचा दिया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने वर्ष 1994 में लालू यादव से जो हिस्सा मांगा था..वही हिस्सा अब मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग रहा हूं।
पटना। जदयू के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने मंगलवार को तय कार्यक्रम के मुताबिक प्रेस काफ्रेंस करके बिहार की सियासत में उथल—पुथल मचा दिया। उन्होंने पत्रकारों के सवालों का बेबाकी से जवाब देते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने वर्ष 1994 में लालू यादव से जो हिस्सा मांगा था..वही हिस्सा अब मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग रहा हूं।
संसदीय बोर्ड अध्यक्ष व विधान पार्षद पद सिर्फ झुनझुना
उपेन्द्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि उन्हें जदयू के संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष और विधान परिषद पार्षद बनाकर सिर्फ झुनझुना थमाया गया है। संसदीय बोर्ड में अन्य कोई सदस्य नही हैं और उन्हें खुद संसदीय बोर्ड में किसी को नियुक्त करने का अधिकार नहीं है और न ही दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने किसी को संसदीय बोर्ड में मनोनीत किया है। इसलिए इस पद की कोई अहमियत नहीं है।
सीएम चाहें तो वापस ले सकते हैं विधान पार्षद का पद
उन्होंने यह भी कहा कि सीएम नीतीश कुमार विधान पार्षद का पद चाहें तो वापस ले सकते हैं। जब राज्यसभा की सदस्यता छोड़ने में वक्त नहीं लगा तो फिर विधान पार्षद का पद छोड़ना बड़ी बात नहीं है। पिछड़ा कार्ड खेलते हुए कुशवाहा ने कहा कि पार्टी में निर्णय लेने की प्रक्रिया में अति पिछड़ा समाज से किसी व्यक्ति को मौका नहीं दिया गया। पार्टी में अति पिछड़ा समाज से नेता की जरुरत है, इस वर्ग के नेताओं को तैयार करना चाहिए।
डीजीपी से पथराव कांड के जांच की मांग
बीते दिन भोजपुर जिले में उनकी गाड़ी पर पथराव हुआ था। उपेन्द्र कुशवाहा ने पथराव का वीडियो मंगलवार को जारी किया और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग दोहरायी। पुलिस अधिकारियों पर मामले की लीपापोती का आरोप लगाते हुए उपेन्द्र ने पुलिस महानिदेशक से पूरे घटनाक्रम के जांच की मांग भी की।