एशिया का सबसे चौड़ा पुल तैयार, PM Modi 22 अगस्त को बेगूसराय में करेंगे ऐतिहासिक उद्घाटन

Published : Aug 17, 2025, 07:08 PM IST
PM Modi textile park inauguration

सार

PM Modi Bihar visit: प्रधानमंत्री 22 अगस्त को बेगूसराय में एशिया के सबसे चौड़े छह लेन वाले एक्स्ट्रा-डोज़ स्टे केबल ब्रिज का उद्घाटन करेंगे। 1161 करोड़ की लागत से बने 8.15 किलोमीटर लंबे इस पुल से बिहार को यातायात और सामरिक दृष्टि से बड़ा लाभ मिलेगा।

Begusarai News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 अगस्त को बेगूसराय में सिमरिया गंगा नदी पर बने एशिया के सबसे चौड़े एक्स्ट्रा-डोज़ स्टे केबल छह लेन सड़क पुल का उद्घाटन करेंगे। लगभग 1161 करोड़ रुपये की लागत से बने 1.865 किलोमीटर लंबे इस पुल और औंटा-सिमरिया पुल के उद्घाटन से बिहार को काफी लाभ होगा।

बेगूसराय आगमन की तैयारियां शुरू

प्रधानमंत्री के 22 अगस्त को बेगूसराय आगमन की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। 16 अगस्त की रात केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, डीएम तुषार सिंगला, एसपी मनीष और अधिकारियों की एक टीम के साथ छह लेन पुल पर पहुंचे और संभावित दौरे की तैयारियों का जायजा लिया। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 अगस्त की दोपहर गयाजी से बेगूसराय आएंगे। यहां पीएम औंटा-सिमरिया पुल का उद्घाटन करेंगे। यह पुल बिहार का पहला छह लेन वाला पुल होगा। अब तक यहां कोई छह लेन वाला पुल नहीं बना था।

बेगूसराय में 9000 करोड़ की लागत से HURL का निर्माण

गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बेगूसराय में वो काम हुआ है जो पहले न कभी हुआ था और न कभी होगा। लालू यादव ने फर्टिलाइजर प्लांट में आकर एक शिलापट्ट लगवाया था, जो पैसा न मिलने के कारण कुत्तों के पेशाब करने की जगह बन गया। नरेंद्र मोदी ने बेगूसराय में 9000 करोड़ की लागत से HURL का निर्माण कराया। रिफाइनरी में 25000 करोड़ खर्च किए गए। सड़कों का जाल बिछाया गया। रक्सौल हल्दी से यहां एक नई सड़क बनने जा रही है, उस पर भी एक पुल बनेगा। डॉ. श्रीकृष्ण सिंह के बाद अगर किसी ने बेगूसराय को संवारा है, तो वो नरेंद्र मोदी हैं। इसका एक उदाहरण बिहार का पहला छह लेन वाला पुल है।

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एशिया का सबसे चौड़ा पुल

बता दें कि एशिया के इस सबसे चौड़े पुल का पूरा भार केबल पर ही रहेगा। नई तकनीक से बने इस पुल की चौड़ाई 34 मीटर होगी, जिससे यातायात सुगम होगा। पुल के दोनों ओर 13 मीटर चौड़ी तीन लेन की सड़क है। जबकि दोनों ओर 1.5 मीटर चौड़ा फुटपाथ है। जिस पर पैदल यात्री, साइकिल या बाइक चल सकते हैं। यह पुल न केवल उत्तर-दक्षिण और पश्चिम बिहार के बीच की दूरी को कम करेगा। बल्कि सामरिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण होगा। देश की आजादी के बाद जब गंगा नदी पर पुल बनाने की बात आई, तो पहला पुल सिमरिया में बनाया गया।

 2017 में हुआ शिलान्यास

डॉ. श्रीकृष्ण सिंह के प्रयासों से राजेंद्र सेतु पर सड़क और रेल दोनों मार्ग बनाए गए। जिससे पूर्वोत्तर भारत पूरे देश से जुड़ गया और यातायात सुगम हो गया। लेकिन यह केवल डबल लेन ही था। जब पुल जर्जर हो गया और लगातार मरम्मत में समय लगने लगा, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान इस ओर गया। उन्होंने 2017 में इस छह लेन वाले पुल का शिलान्यास किया। पटना से खगड़िया तक चार लेन की सड़क बन चुकी है, लेकिन पुराना पुल दो लेन का था। इससे होने वाली परेशानियों को ध्यान में रखते हुए इस छह लेन वाले पुल का निर्माण किया गया है। जब इस पर परिचालन शुरू होगा, तो यह न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश के यातायात के लिए एक सार्थक कदम साबित होगा।

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