
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अब सियासत का पारा तेजी से चढ़ने लगा है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समस्तीपुर में अपनी पहली जनसभा से न सिर्फ एनडीए के अभियान का शंखनाद किया बल्कि ओबीसी कार्ड खेलकर विपक्ष को सीधी चुनौती भी दे दी। पीएम मोदी ने भाषण की शुरुआत में ही खुद को, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर को "पिछड़े वर्ग से निकला" बताते हुए कहा कि यह जननायक कर्पूरी ठाकुर का आशीर्वाद ही है जो आज वे सभी इस मंच पर खड़े हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मुझे कर्पूरी ग्राम जाकर भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर को नमन करने का अवसर मिला। यह उनका ही आशीर्वाद है कि मेरे जैसे, नीतीश कुमार, रामनाथ ठाकुर जैसे गरीब और पिछड़े परिवारों से निकले लोग आज देश की सेवा कर पा रहे हैं। कर्पूरी ठाकुर ने वंचितों को मुख्यधारा से जोड़ने का जो सपना देखा था, उसे साकार करने की दिशा में हम काम कर रहे हैं।”उन्होंने आगे कहा कि “हमारी सरकार कर्पूरी बाबू को प्रेरणास्रोत मानती है। वंचितों को वरीयता, पिछड़ों को प्राथमिकता और गरीबों की सेवा—यही हमारे शासन का आधार है।”
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मोदी ने मंच से कहा कि गरीबों को पक्के घर, मुफ्त राशन, शौचालय, नल से जल और मुफ्त इलाज जैसी योजनाएं सामाजिक न्याय की सच्ची परिभाषा हैं। “एनडीए सरकार ने गरीबों, दलितों, महादलितों, पिछड़ों और अतिपिछड़ों के जीवन में सम्मान लाने का काम किया है। यह हमारी ही सरकार है जिसने सामान्य वर्ग के गरीबों को भी 10 फीसदी आरक्षण दिया,” पीएम ने कहा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों से लंबित मांग को पूरा करते हुए एनडीए सरकार ने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग संविधान की दुहाई देते हैं, उनके शासन में पिछड़ों को उनका हक तक नहीं मिला। “हमने ही पिछड़ों के लिए मेडिकल शिक्षा में आरक्षण लागू किया और मातृभाषा में पढ़ाई की दिशा में बड़ा कदम उठाया,” उन्होंने कहा।
पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि “आरजेडी और कांग्रेस के लोग सिर्फ वादे करते हैं, जबकि एनडीए सरकार ने धरातल पर विकास और सामाजिक न्याय दोनों को साथ लेकर चलने का काम किया है। बिहार के लोग जानते हैं कि सुशासन और स्थिरता सिर्फ एनडीए के साथ संभव है।”
समस्तीपुर की इस रैली में प्रधानमंत्री ने छठ पर्व का भी जिक्र करते हुए कहा कि बिहार की मिट्टी, परंपरा और संस्कृति हमेशा से देश के विकास की प्रेरणा रही है। जनसभा में उमड़े जनसैलाब ने एक बात साफ कर दी — बिहार का मूड तय है, और जनता ने मन बना लिया है – “फिर एक बार एनडीए सरकार।”
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