
समस्तीपुर/बेगूसराय. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को समस्तीपुर और बेगूसराय में जनसभाओं को संबोधित करते हुए अपने चुनावी अभियान की शुरुआत कर दी है। पीएम मोदी का यह दौरा केवल एक चुनावी रैली नहीं था, बल्कि यह NDA की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा था, जिसमें भावनाओं, विकास और जातीय समीकरणों का मिश्रण देखने को मिला। पीएम मोदी के दोनों भाषणों को समझने के लिए, यहां उन पाँच सबसे बड़े फैक्टरों के बारे में बता रहे हैं, जो आज पीएम मोदी के भाषण में खास रहा।
प्रधानमंत्री ने अपनी पहली चुनावी सभा की शुरुआत समस्तीपुर के कर्पूरी ग्राम से की, जो जननायक कर्पूरी ठाकुर का जन्मस्थान है। यह फैसला प्रतीकात्मक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि हालिया जातीय जनगणना के अनुसार, अति पिछड़ा वर्ग (EBC) की आबादी बिहार में 36.02% है, जो सबसे बड़ा और निर्णायक वोट बैंक है। कर्पूरी ठाकुर इसी वर्ग से आते थे। कर्पूरी ठाकुर को 'भारत रत्न' देने का क्रेडिट लेकर पीएम मोदी ने EBC समुदाय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाई। यह सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुराने EBC जनाधार को मजबूती देता है, जबकि लालू यादव के EBC में सेंध लगाने के प्रयास (जैसे मंगनी लाल मंडल को प्रदेश अध्यक्ष बनाना) की काट करता है। पीएम ने अपने भाषण में कहा कि हमारी सरकार कर्पूरी ठाकुर को प्रेरणापुंज मानती है और उनके सामाजिक न्याय के रास्ते को सुशासन का आधार बनाया है।
बेगूसराय रैली में पीएम मोदी ने एक अनोखा तरीका अपनाते हुए लोगों से मोबाइल की फ्लैश लाइट जलवाई और सीधा RJD के चुनाव चिन्ह 'लालटेन' पर हमला किया। 'लालटेन' (जो अंधेरे और बिजली की कमी का प्रतीक है) के सामने 'मोबाइल लाइट' (जो विकास, डिजिटल इंडिया और प्रगति का प्रतीक है) को रखकर, पीएम ने 15 साल के 'जंगलराज' बनाम NDA के 'सुशासन' का नैरेटिव स्थापित किया। उन्होंने किसान सम्मान निधि के तहत किसानों के खातों में भेजे गए 28 हजार करोड़ रुपये का जिक्र करते हुए कहा कि अगर 'लालटेन और पंजे वाले' होते, तो यह पैसा भ्रष्ट तरीकों से खा लिया जाता। इस अनोखे प्रदर्शन से मतदाताओं को यह याद दिलाया गया कि उन्हें अब 'अंधेरे' की जरूरत नहीं है, बल्कि 'विकास की रोशनी' चाहिए।
पीएम मोदी ने महागठबंधन पर हमला बोलने के लिए एक नया और तीखा नाम दिया 'लठबंधन'। उन्होंने इसे 'अटक दल, लटक दल, घटक दल, झटक दल और पटक दल' बताया। उनका यह हमला महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर हुए विवादों पर तंज कसने के लिए था। उन्होंने RJD पर अहंकार में JMM को 'झटक' देने, कांग्रेस को 'पटक' देने और VIP को 'भटका' देने का आरोप लगाया। इसके विपरीत, उन्होंने नीतीश कुमार, मांझी, उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान के नेतृत्व वाले NDA को 'सूझबूझ से भरा हुआ' और एकजुट बताया।
बेगूसराय में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने बिहार के सबसे बड़े महापर्व छठ पूजा का जिक्र करके भावनात्मक अपील की, क्योंकि इसका शुभारंभ आज से हो रहा है। उन्होंने रैली से पहले छठ व्रतियों को सूप और फल देकर उनका आशीर्वाद लिया। साथ ही, उन्होंने बेगूसराय की बहू, दिवंगत लोक गायिका शारदा सिन्हा को याद किया और बताया कि उनकी सरकार को उन्हें पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित करने का अवसर मिला था। यह कहकर उन्होंने बिहार की संस्कृति और कला का सम्मान करने का संदेश दिया।
पीएम मोदी ने अपने भाषण का एक बड़ा हिस्सा बिहार के युवाओं को समर्पित किया और उन्हें भविष्य के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी। उन्होंने 2005 के उस अक्टूबर महीने को याद दिलाया, जब उनके माता-पिता ने 'जंगलराज' से मुक्ति दिलाई थी। पीएम ने युवाओं से आग्रह किया कि 2025 का यह अक्टूबर-नवंबर उनके लिए नए अवसर और एक बड़ी जिम्मेदारी लेकर आया है। उन्हें 'अपने और बिहार की आने वाली पीढ़ियों के लिए समृद्ध बिहार बनाना है।' इसके अलावा, उन्होंने युवाओं को भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार नक्सलवाद और माओवादी आतंक की कमर तोड़ चुकी है और जल्द ही देश और बिहार इस खतरे से पूरी तरह मुक्त होंगे, जिसे उन्होंने 'मोदी की गारंटी' बताया।
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