
Bihar Election 2025: बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के दूसरे दिन सदन के अंदर और बाहर जमकर हंगामा हुआ। बिहार विधान परिषद में मुख्य विपक्षी दल राजद के सभी सदस्य काली पोशाक पहनकर पहुंचे। इस दल का नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री और विधान परिषद में विपक्ष की नेता राबड़ी देवी खुद कर रही थीं। राबड़ी देवी भी काली साड़ी पहने नजर आईं।
राजद के सभी विधान परिषद सदस्यों के काले कपड़े में काली ब्रिगेड नजर आ रहे। प्रदर्शनकारी विधायकों के हाथों में तख्तियां दिखीं। इन तख्तियों पर लिखा था- ‘मतदान संशोधन तो बहाना है, मकसद मतदान पर रोक लगाना है। मोदी-नीतीश चुनाव हड़पने की कोशिश बंद करो। चुनाव आयोग सरकार का गुलाम बन गया है, मतदाता सूची में धांधली का आदेश जारी किया है।’
सभी विधायक विधान परिषद परिसर के अंदर जाने वाले रास्ते की सीढ़ियों पर नारे लगाते नजर आए। इस नारेबाजी में राजद विधान पार्षद सुनील सिंह, अब्दुल बारी सिद्दीकी समेत कई अन्य विधायक शामिल थे। राबड़ी देवी ने कहा कि मतदाता सूची से लोगों के नाम काटे जा रहे हैं, इसलिए हम काला दिवस मना रहे हैं। पूरा महागठबंधन मतदाता पुनरीक्षण का विरोध करता है।
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वहीं, अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि पहली बार यहां चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के समय ही मतदाता सूची में सुधार का काम शुरू किया है। बिहार से लगभग 3 करोड़ लोग मजदूरी और अन्य कामों के लिए बिहार से बाहर जाते हैं। ऐसे समय में ऐसा क्यों किया जा रहा है? चुनाव आयोग यह काम एक साल पहले भी कर सकता था। दरअसल, यह गरीबों, बेसहारों और अल्पसंख्यकों के नाम मतदाता सूची से हटाने के लिए है। वे कह रहे हैं कि कोई बांग्लादेश और अन्य जगहों से आया है। अगर कोई आया भी है, तो यह भारत सरकार की विफलता है।
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