बिहार की नीतीश सरकार ने विधानभा में गुरुवार को आरक्षण संशोधन विधेयक पास कर दिया है। इसके तहत पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनूसूचित जाति, अनूसूचित जनजाति को 65 प्रतिशत रिजर्वेशन दिया जाएगा।
पटना। बिहार विधानसभा में गुरुवार को सर्व सम्मति से आखिरकार आरक्षण संशोधन बिल पास हो गया है।विधानसभा में इस बिल को ध्वनिमत के जरिए सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। प्रदेश की नीतीश सरकार की ओर से आरक्षण बिल को विधानसभा में पेश किया गया था। जिसके तहत आरक्षण के प्रतिशत में विस्तार किया गया है। इसके अंतर्गत अब पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनूसूचित जाति, अनूसूचित जनजाति को 65 प्रतिशत रिजर्वेशन दिया जाएगा। इससे पहले अत तक बिहार में इन जातियों को 50 फीसदी आरक्षण दिया जाता था। 7
आऱक्षण संशोधन बिल को लेकर कई दिन से चल रही थी मांग
इससे पहले नीतिश कुमार की सरकार ने संशोधन विधेयक में 75 फीसदी रिजर्वेशन कोटा इन जातियों के लिए करने के प्रस्ताव बनाकर भेजा था। काफी समय से बिहार में आऱक्षण संशोधन विधेयक की मांग के साथ जातियों को दिए जाने वाले प्रतिशत पर हंगामा चल रहा था।
ईडब्ल्यूएस को भी अलग से मिलता था 10 फीसदी रिजर्वेशन
बिहार में नए विधेयक के साथ एक पेच भी फंस रहा है। सरकार ने ईडब्ल्यूएस के प्रतिशत में कोई भी बदलाव नहीं किया है। यानी ईडब्ल्यूएस का 10 प्रतिशत अलग से बना रहेगा। ऐसे में यदि यह विधेयक पास होता है और इन जातियों को 65 फीसदी आरक्षण दिया जाता है साथ ही ईडब्ल्यूएस का प्रतिशत भी अलग से बना रहता है तो कुल 50 फीसदी आरक्षण की लिमिट टूट जाएगी।
ईडब्ल्यूएस का दायरा बढ़ाने की मांग
बिहार विधानसभा में आरक्षण संशोधन बिल पास होने के साथ ही अब गरीब सवर्णों के आरक्षण में बढ़ोतरी की मांग की जाने लगी है। कई विधायकों ने मांग की है कि ईडब्ल्यूएस श्रेणी का रिजर्वेशन प्रतिशत भी बढ़ाया जाए। फिलहाल आरक्षण को लेकर बहस जारी है।