
पटनाः विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में बिहार के शैलेश कुमार ने इतिहास रच दिया। पुरुषों की हाई जंप T63/42 श्रेणी में शैलेश ने 1.91 मीटर की छलांग लगाकर स्वर्ण पदक जीता और नया चैंपियनशिप रिकॉर्ड अपने नाम किया। यह भारत का इस टूर्नामेंट में पहला पदक है, जो देश और बिहार के लिए गर्व का क्षण साबित हुआ।
शैलेश कुमार बिहार के जमुई जिले के रतनपुर गांव के रहने वाले हैं। एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले शैलेश ने बचपन से ही कठिनाइयों का सामना किया। परिवार की आर्थिक स्थिति सीमित थी, लेकिन शैलेश ने कभी अपने सपनों को छोड़ने का विचार नहीं किया। उन्होंने बताया कि बचपन में उन्हें खेलों के लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिलती थीं, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और आत्मविश्वास के दम पर आज यह मुकाम हासिल किया है। शैलेश कहते हैं, "घरेलू दर्शकों के सामने गोल्ड जीतना मेरे लिए बेहद खास अनुभव था। मैं चाहता हूं कि मेरे जैसे अन्य खिलाड़ी भी सीमित संसाधनों के बावजूद खेलों में अपना नाम रोशन करें।"
टीम ने टूर्नामेंट से 10 दिन पहले से कड़ी ट्रेनिंग शुरू की थी। शैलेश के कोच रमेश यादव ने बताया कि शैलेश की मेहनत, लगन और डेडिकेशन ने ही उन्हें यह रिकॉर्ड बनाने में मदद की। उन्होंने कहा, "शैलेश ने हर दिन कम से कम 4-5 घंटे ट्रेनिंग की। उनकी फोकस और मानसिक मजबूती ने उन्हें बाकी प्रतियोगियों से आगे रखा।" शैलेश की ट्रेनिंग में ताकत और फुर्ती बढ़ाने के लिए विशेष व्यायाम, फिजिकल थेरेपी और मानसिक तैयारी शामिल थी। उनका रूटीन सुबह 5 बजे शुरू होता था और शाम तक अभ्यास चलता।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट कर शैलेश को बधाई दी। उन्होंने कहा, "नई दिल्ली में आयोजित विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 के पुरुष हाई जंप में T63/42 श्रेणी में गोल्ड जीतने और चैंपियनशिप रिकॉर्ड बनाने पर बिहार के बेटे शैलेश कुमार को हार्दिक बधाई। शैलेश की यह जीत न केवल बिहार बल्कि हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है।" राज्य सरकार ने शैलेश को खेल पुरस्कार योजना के तहत 75 लाख रुपए और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित करने की घोषणा की है।
शैलेश के माता-पिता ने अपनी खुशी और गर्व जाहिर किया। उनके पिता रामेश्वर कुमार कहते हैं, "हमने हमेशा चाहा कि शैलेश कुछ बड़ा करे। उसकी मेहनत और लगन ने आज पूरे परिवार का नाम रोशन किया है।" माता सीता देवी ने कहा कि उनका बेटा कठिन परिस्थितियों में भी कभी पीछे नहीं हटा।
शैलेश कुमार पहले भी खेलों में अपनी धाक जमाते रहे हैं। फरवरी 2025 में उन्होंने चेन्नई राष्ट्रीय पैरा ओलंपिक खेलों में रजत पदक जीता था। 2024 में पेरिस पैरा ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था, हालांकि उस बार पदक जीतने से चूक गए थे। अब वे पैरा ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाले दूसरे बिहारी खिलाड़ी बन गए हैं और स्वर्ण पदक जीतकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
शैलेश कुमार की सफलता न केवल खेलों में नए मानक स्थापित करती है, बल्कि बिहार और पूरे भारत के युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। विशेषज्ञों का मानना है कि शैलेश जैसी प्रतिभाएं आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय खेलों में भारत का नाम और ऊँचा करेंगी। शैलेश के मार्गदर्शक और कोच का कहना है, "यह जीत सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि बिहार और देश के हर युवा खिलाड़ी के लिए यह संदेश है कि कठिनाइयों के बावजूद सपना सच किया जा सकता है।"
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