
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सियासत अब सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित नहीं रही। अब मैदान में है, “वादों की जंग”। एक ओर एनडीए ने संकल्प पत्र के नाम से अपना घोषणा पत्र जारी किया, तो दूसरी ओर महागठबंधन ने ‘तेजस्वी प्रण’ के जरिए जनता से 25 वादे किए। दिलचस्प बात यह है कि दोनों गठबंधन के घोषणापत्रों में कई बड़े मुद्दे कॉमन (समान) हैं। रोजगार, महिलाओं की आर्थिक मदद, मुफ्त बिजली, किसानों की सहायता, और स्वास्थ्य सुरक्षा, दोनों ने इन्हीं पांच क्षेत्रों में जनता को लुभाने का दांव खेला है।
दोनों घोषणापत्रों में सबसे बड़ा फोकस “रोजगार” है। एनडीए ने वादा किया है कि बिहार में 1 करोड़ सरकारी नौकरियां और रोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे। वहीं महागठबंधन ने तो इससे एक कदम आगे बढ़कर कहा है, “सरकार बनने के 20 दिनों के भीतर रोजगार अधिनियम लाया जाएगा।” दोनों ही गठबंधन जानते हैं कि बेरोजगारी बिहार की सबसे बड़ी समस्या है और इसलिए दोनों ने इसे अपनी ‘इलेक्शन पिच’ का केंद्र बना दिया है।
एनडीए ने ‘महिला मिशन करोड़पति योजना’ के तहत 1 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने की बात कही है। वहीं महागठबंधन ने ‘माई-बहिन मान योजना’ के तहत महिलाओं को ₹2,500 मासिक सहायता देने का ऐलान किया है। दोनों घोषणापत्रों में यह साफ है कि महिला वोट बैंक को साधने के लिए आर्थिक सशक्तिकरण पर पूरा जोर दिया गया है।
एनडीए ने कहा है कि हर घर को 125 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाएगी। जबकि महागठबंधन ने इस आंकड़े को बढ़ाकर 200 यूनिट मुफ्त बिजली का वादा किया है। अब चुनाव में यह मुकाबला सिर्फ “कौन बिजली देगा” का नहीं, बल्कि “कौन ज़्यादा यूनिट देगा” का बन गया है।
किसानों को राहत देने के लिए दोनों ने एक जैसी योजनाएं घोषित की हैं। एनडीए ने कर्पूरी ठाकुर किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को ₹9,000 वार्षिक सहायता देने का वादा किया है। जबकि महागठबंधन ने किसानों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सीधी आर्थिक मदद देने की बात कही है। दोनों घोषणापत्र किसानों को “आर्थिक सुरक्षा कवच” देने का दावा करते हैं।
एनडीए ने ₹5 लाख तक मुफ्त इलाज का ऐलान किया है। वहीं महागठबंधन ने इसे और बड़ा बनाते हुए कहा है कि हर व्यक्ति को ₹25 लाख तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा। दोनों गठबंधन यह जताना चाहते हैं कि “बीमार कोई नहीं रहेगा, इलाज सबको मिलेगा।”
एनडीए ने हर जिले में मेगा स्किल सेंटर और ग्लोबल स्किलिंग हब की बात की है, जबकि महागठबंधन ने कक्षा 8 से 12 तक के छात्रों को मुफ्त टैबलेट और नए विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा की है। यानी, दोनों ही गठबंधन युवाओं को रोजगार और शिक्षा से जोड़ने के लिए नए वादे पेश कर रहे हैं।
एनडीए ने 50 लाख पक्के मकानों के निर्माण की बात की, वहीं महागठबंधन ने प्रवासी मजदूरों के लिए विभाग और गरीबों के लिए नई आवास योजनाएं घोषित कीं। दोनों गठबंधन गरीब और ग्रामीण वोटरों को लुभाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
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