Bihar SIR Case:'इतनी बड़ी प्रक्रिया में कुछ त्रुटियां तो होंगी ही', EC के वकिल ने सुप्रीम कोर्ट क्यों कहा ऐसा?

Published : Aug 12, 2025, 01:41 PM IST
Supreme Court voter list hearing

सार

Bihar SIR Case Hearing: सुप्रीम कोर्ट में बिहार विशेष मतदाता SIR मामले की सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने चुनाव आयोग पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक निर्वाचन क्षेत्र में 12 जीवित लोगों को मृत घोषित कर दिया गया और बीएलओ ने कोई कार्रवाई नहीं की।

Voter List Irregularities Bihar: सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को कई अहम और चर्चित मामलों की सुनवाई होनी है। इसमें बिहार में जारी एसआईआर यानी विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण पर सुनवाई जारी है। इसके साथ ही अन्य राजनीतिक हस्तियों की ओर से संवैधानिक प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर भी सुनवाई होगी। बिहार एसआईआर को लेकर त्रिकोणीय मुकाबला चल रहा है। विपक्ष के साथ-साथ चुनाव आयोग भी इस जंग में है। भाजपा और एनडीए गठबंधन जहां विपक्ष पर चुनाव आयोग को धमकाने का आरोप लगा रहे हैं, वहीं चुनाव आयोग ने एसआईआर में किसी भी तरह की खामी से इनकार किया है।

'हम तो अभी बिहार में ही व्यस्त हैं'

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाला बागची की अध्यक्षता वाली दो न्यायाधीशों की पीठ इसकी सुनवाई करेगी। वहीं, सुनवाई से पहले कोर्टरूम में जजों और वकीलों के बीच हल्की-फुल्की नोकझोंक देखने को मिली। वकीलों ने जब जस्टिस सूर्यकांत से जल्द सुनवाई की मांग की, तो उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज़ में कहा- अरे भाई, थोड़ा इंतज़ार कीजिए, नए मामलों की सुनवाई के बाद हम इस पर विचार करेंगे। वहीं, जब एक अन्य वकील ने बिहार पंचायत चुनाव से जुड़े एक मामले का ज़िक्र किया, तो जस्टिस सूर्यकांत मुस्कुराए और बोले, हम तो अभी बिहार में ही व्यस्त हैं।

क्या सशर्त योजना के तहत ऐसी प्रक्रिया जायज़ है या नहीं?

बिहार SIR पर सुप्रीम कोर्ट में बहस चल रही है। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं से पूछा गया था कि हमें बताएं कि क्या ऐसी प्रक्रिया जारी की जा सकती है या नहीं? अगर आप कहते हैं कि सशर्त योजना के तहत ऐसी प्रक्रिया जायज़ है, तो हम प्रक्रिया पर विचार करेंगे। अगर आप कहते हैं कि यह संविधान में ही नहीं है, तो उसके अनुसार। इसके जवाब में वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायण ने कहा कि बड़े पैमाने पर बहिष्कार हुआ है। 65 लाख लोग वोटर लिस्ट से बाहर हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बड़े पैमाने पर निष्कासन तथ्यों और आंकड़ों पर निर्भर करेगा।

12 जीवित लोगों को मृत दिखाया गया है

कपिल सिब्बल ने कहा कि एक छोटे से निर्वाचन क्षेत्र में 12 लोग ऐसे हैं जिन्हें मृत दिखाया गया है, लेकिन वे जीवित हैं। बीएलओ ने कुछ नहीं किया है। वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने कहा कि यह सिर्फ़ एक ड्राफ्ट रोल है। इस पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि हमें आपसे पूछना होगा कि कितने लोगों की पहचान मृत के रूप में की गई है। आपके अधिकारियों ने कुछ काम ज़रूर किया होगा। इस पर वकील द्विवेदी ने कहा कि इतनी बड़ी प्रक्रिया में कुछ त्रुटियां तो होंगी ही। लेकिन, किसी मृत व्यक्ति को जीवित बताना सही नहीं है और नए आईए की कोई जरूरत नहीं है।

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