
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सियासी तापमान तेजी से बढ़ता जा रहा है। एनडीए के भीतर सीट शेयरिंग को लेकर चल रही खींचतान के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के तीन बड़े चेहरे, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक और मौजूदा सांसद के बेटे ने जदयू छोड़कर आरजेडी का दामन थाम लिया। आरजेडी में शामिल होने वालों में पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा, पूर्व विधायक राहुल शर्मा और जेडीयू सांसद गिरधारी यादव के बेटे चाणक्य प्रकाश शामिल हैं। तीनों नेताओं ने तेजस्वी यादव की मौजूदगी में लालटेन थाम ली और महागठबंधन की नीतियों पर भरोसा जताया।
तेजस्वी यादव ने इन नेताओं को आरजेडी में शामिल करते हुए कहा, “बिहार की जनता बदलाव चाहती है। जो लोग विकास और सम्मान की राजनीति करना चाहते हैं, वे हमारे साथ आ रहे हैं। आरजेडी का दरवाज़ा हर उस व्यक्ति के लिए खुला है जो जनता के हक की लड़ाई में हमारे साथ खड़ा होना चाहता है।” राजनीतिक जानकारों का मानना है कि तेजस्वी यादव का यह कदम चुनावी रणनीति का हिस्सा है। यह न सिर्फ नीतीश कुमार की पार्टी के मनोबल को झटका देने वाला है, बल्कि जातीय समीकरणों के लिहाज से भी एक बड़ा सियासी संकेत माना जा रहा है।
इन तीन नेताओं के शामिल होने से आरजेडी ने दो बड़े क्षेत्रों, मगध और सीमांचल में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश की है। मगध में भूमिहार और यादव समुदाय की निर्णायक भूमिका है, जबकि सीमांचल में कुशवाहा और अल्पसंख्यक वोट महत्वपूर्ण माने जाते हैं। तेजस्वी यादव की रणनीति साफ है कि नीतीश के पारंपरिक वोट बैंक में सेंध लगाना और हर क्षेत्र में एक मजबूत लोकल चेहरा खड़ा करना।
बिहार की राजनीति, सरकारी योजनाएं, रेलवे अपडेट्स, शिक्षा-रोजगार अवसर और सामाजिक मुद्दों की ताज़ा खबरें पाएं। पटना, गया, भागलपुर सहित हर जिले की रिपोर्ट्स के लिए Bihar News in Hindi सेक्शन देखें — तेज़ और सटीक खबरें Asianet News Hindi पर।