
Bihar Teacher News: बिहार के शिक्षा विभाग ने स्वैच्छिक स्थानांतरण (voluntary transfe) के लिए आवेदन करने वाले 1.90 लाख शिक्षकों को राहत दी है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि जो शिक्षक अपने ट्रांसफर से संतुष्ट नहीं हैं, वे ई-शिक्षा कोष पोर्टल के जरिए अपना आवेदन वापस ले सकते हैं। यह पोर्टल 3 जून 2025 से खुल जाएगा और शिक्षक अपने आईडी और पासवर्ड से लॉग इन करके आवेदन को रद्द कर सकते हैं।
आवेदन वापस लेने वाले शिक्षक अपने मौजूदा स्कूल में ही रहेंगे। ट्रांसफर की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए सबकुछ ऑनलाइन ही किया जाएगा। 1.30 लाख शिक्षकों को 20 जून 2025 से नए स्कूलों के लिए ट्रांसफर लेटर मिलना शुरू हो जाएगा। शिक्षक अपने नए स्कूल का विवरण ई-शिक्षा कोष पोर्टल या ऐप पर आसानी से देख सकेंगे।
23 से 30 जून तक शिक्षकों को नए स्कूलों में ज्वाइनिंग करना होगा। जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे सुनिश्चित करें कि सभी शिक्षक समय पर ज्वाइन कर लेंगे। डॉ.सिद्धार्थ ने साफ कहा कि शिक्षकों को डीईओ कार्यालय जाने की कोई जरूरत नहीं होगी, क्योंकि आवेदन, सत्यापन और स्कूल आवंटन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होनी है।
नई ट्रांसफर नीति में गंभीर बीमारी, विकलांगता, विधवा, तलाकशुदा और पति-पत्नी शिक्षक दंपत्तियों को पहले प्राथमिकता दी जाएगी। इस नीति के तहत बीपीएससी से चयनित और योग्यता परीक्षा पास शिक्षक को ही मौका मिलेगा। शिक्षकों को 10 ट्रांसफर ऑप्शन चुनने की सुविधा है, जिनमें से तीन अनिवार्य हैं। 70% से अधिक पद महिला शिक्षकों के लिए आरक्षित हैं। हर पांच साल में स्थानांतरण अनिवार्य होगा, ताकि स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता संतुलित रहे।
यह नीति बिहार के शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक कदम है। यह शिक्षकों की व्यक्तिगत जरूरतों को ध्यान में रखते हुए स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात में सुधार करेगी। शिक्षक संघों ने अनुमंडल स्तर पर ट्रांसफर और मायके-ससुराल जिले की छूट हटाने पर कुछ आपत्ति जताई है, लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया से पारदर्शिता बढ़ने की उम्मीद है।
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