
Bihar News: पटना के पालीगंज अनुमंडल में वोटर लिस्ट के विशेष सघन पुनरीक्षण कार्य में लापरवाही बरतना भारी पड़ गया। दरअसल मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण कार्य को लेकर शिकायत मिली थी। जिसके बाद बीएलओ और अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई के तहत पालीगंज विधानसभा क्षेत्र के 35 बीएलओ और 26 बीएलओ पर्यवेक्षकों का एक दिन का वेतन रोक दिया गया है।
मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण कार्य में अपेक्षित प्रगति न होने पर निर्वाचन विभाग द्वारा दो दिनों में कार्य की समीक्षा की गई। समीक्षा में यह बात सामने आई कि बीएलओ, पर्यवेक्षक और संबंधित अधिकारी अपने कार्य में शिथिलता बरत रहे हैं। इन अधिकारियों के खिलाफ कानूनी और विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
साथ ही, पालीगंज की सीओ श्वेता कुमारी, राजस्व अधिकारी अंजलि रानी, दुल्हिन बाजार के बीईओ अजय कुमार त्रिवेदी, सीडीपीओ कुमारी देवमणि, नगर पंचायत के ईओ सुनील कुमार और प्रखंड आपूर्ति अधिकारी महेंद्र प्रसाद से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।
मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर बिहार से बड़ी खबर आई है। बताया जा रहा है कि आयोग ने अपने सर्वेक्षण के दौरान ऐसे लोगों की पहचान की है जो म्यांमार, बांग्लादेश और नेपाल के निवासी हैं और बिहार में रह रहे हैं। आयोग से जुड़े सूत्रों के अनुसार, सर्वेक्षण में पता चला है कि इन लोगों ने आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र और राशन कार्ड जैसे सभी तरह के पहचान पत्र बनवा लिए हैं। सूत्रों का कहना है कि ऐसे सभी लोगों की 1 अगस्त से 30 अगस्त के बीच जाँच की जाएगी और अगर जाँच में यह सही पाया जाता है, तो उनका नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं किया जाएगा।
आपको बता दें कि बिहार में आयोग के इस विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का मामला कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट भी पहुँचा था। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने चुनाव आयोग को बड़ी राहत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि बिहार में मतदाता सूची के सर्वेक्षण का काम जारी रहेगा। कोर्ट ने इस मामले में चुनाव आयोग से एक हफ्ते के भीतर जवाब माँगा है। इस मामले पर अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी।
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