BPSC Exam: क्या है नॉर्मलाइजेशन, छात्र क्यों कर रहें विरोध, जानें पूरा मामला

Published : Dec 09, 2024, 06:03 PM IST
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सार

बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन को लेकर छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है. पुलिस बल प्रयोग के बीच गिरफ्तारियां और FIR भी दर्ज हुई हैं. आखिर क्या है ये नॉर्मलाइजेशन और क्यों हो रहा है इसका विरोध, जानिए पूरी कहानी.

पटना न्यूज: इन दिनों बिहार में लोक सेवा आयोग की परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू न करने को लेकर काफी हंगामा मचा हुआ है. इस दौरान पुलिस ने बल प्रयोग भी किया है. इस दौरान एक छात्र नेता को गिरफ्तार किया गया है. जबकि एक शिक्षक के कोचिंग सेंटर पर भ्रामक पोस्ट करने के आरोप में एफआईआर भी दर्ज की गई है. हालांकि छात्रों के इस आंदोलन का एक असर ये भी हुआ कि आयोग को एक पत्र जारी कर कहना पड़ा कि हम नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं कर रहे हैं. अब इस बीच सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ये नॉर्मलाइजेशन क्या है और इसका इतना विरोध क्यों हो रहा है? तो आज हम आपके इस सवाल का जवाब ढूंढ़ लाए हैं.

क्या है नॉर्मलाइजेशन

सबसे पहले ये समझते हैं कि आखिर ये नॉर्मलाइजेशन क्या है? तो इसका सीधा सा जवाब ये है कि ये एक ऐसी तकनीक है जिसके जरिए किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के अंकों को नॉर्मलाइज किया जाता है. इसे आप इस तरह भी समझ सकते हैं कि नॉर्मलाइजेशन फॉर्मेट के तहत किसी परीक्षा में मिले अंकों को नॉर्मलाइज किया जाता है.

नॉर्मलाइजेशन को ऐसे आसान तरीके से समझें

अब यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि यह नियम तभी लागू होता है जब किसी परीक्षा में प्रश्नों के अलग-अलग सेट का इस्तेमाल किया जाता है या एक ही परीक्षा अलग-अलग शिफ्ट में आयोजित की जाती है। इसके जरिए अलग-अलग सेट में प्राप्त अंकों को एक ही स्केल पर लाने के लिए इस फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है। अब आसान तरीके से समझें तो अगर किसी छात्र की पहली शिफ्ट में परीक्षा है और उससे पूछा जाता है कि 2+2 क्या होता है? जबकि अगली शिफ्ट में सवाल पूछा जाता है कि 1224+2024 क्या होता है? तो जाहिर सी बात है कि पहली शिफ्ट के लिए सवाल आसान हो गया जबकि दूसरी शिफ्ट के लिए थोड़ा मुश्किल था। तो इस दौरान इस फॉर्मूले का इस्तेमाल करके देखा जाएगा कि पहली शिफ्ट में कितने लोगों ने इसका जवाब दिया और दूसरी शिफ्ट के सवाल का कितना जवाब दिया और कितने लोगों का जवाब सही है, अब उसी हिसाब से अंक तैयार किए जाएंगे। लेकिन ध्यान रहे कि इस तकनीक का इस्तेमाल आमतौर पर तभी किया जाता है जब परीक्षा एक से ज्यादा शिफ्ट में हो और सवाल अलग-अलग हों।

इस परीक्षा में मैथ्स इंग्लिश के सवालों का इस्तेमाल नहीं

ऐसे में प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि इस परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन तभी लागू नहीं होना चाहिए जब परीक्षा एक शिफ्ट में ली जाए। इसके अलावा उन्होंने बताया कि इस परीक्षा में मैथ्स इंग्लिश के सवालों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, इसका इस्तेमाल इसमें नहीं किया जा सकता है।

रिजल्ट का फॉर्मूला ऐसे होगा तय

वैसे एक फॉर्मूला यह भी है कि अगर परीक्षा में अभ्यर्थियों की संख्या ज्यादा होती है तो अलग-अलग दिन या अलग-अलग शिफ्ट में परीक्षा कराने का फैसला किया जाता है। ताकि नतीजे बराबर और निष्पक्ष हों। जब अभ्यर्थियों ने किसी शिफ्ट में कम अंक हासिल किए या उन्होंने कम सवालों के जवाब दिए तो उस शिफ्ट का प्रश्नपत्र कठिन माना जाएगा। इसके विपरीत अगर अभ्यर्थियों ने दूसरी शिफ्ट में ज्यादा अंक हासिल किए और ज्यादा सवालों के जवाब दिए तो उस शिफ्ट का प्रश्नपत्र आसान माना जाएगा। इसके तहत आसान शिफ्ट में अच्छे अंक लाने वाले अभ्यर्थियों के रिजल्ट को लेकर कुछ समायोजन किया जाता है, ताकि मुश्किल शिफ्ट में कम अंक लाने वाले अभ्यर्थियों का रिजल्ट भी उसी स्तर पर आ सके।

क्यों हो रहा नॉर्मलाइजेशन सिस्टम का विरोध

इसके बाद सवाल यह है कि नॉर्मलाइजेशन सिस्टम का विरोध क्यों हो रहा है? तो माना जा रहा है कि आयोग की परीक्षाओं में कई बार सवाल गलत पूछे जाते हैं। अगर एक शिफ्ट की परीक्षा में दूसरी शिफ्ट के मुकाबले ज्यादा सवाल गलत हैं तो उन्हें कैसे पता चलेगा कि उन्हें कितने अंक मिले हैं। इसके अलावा पर्सेंटाइल निकालने का फॉर्मूला इस बात पर निर्भर करता है कि एक शिफ्ट में कितने छात्र परीक्षा में शामिल हुए। अगर किसी शिफ्ट में कम अभ्यर्थी शामिल हुए और उनके अंक भी कम आए तो उस शिफ्ट का प्रश्नपत्र अपने आप ही कठिन माना जाएगा और उनके अंक बढ़ जाएंगे। इसी तरह अगर एक शिफ्ट में ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए और प्रश्नपत्र कठिन होने के बावजूद उन्हें अच्छे अंक मिल गए तो भी उन्हें कोई फायदा नहीं होगा। उनका एक तर्क यह भी है कि हो सकता है कि एक शिफ्ट का प्रश्नपत्र कठिन हो लेकिन अगर उसमें शामिल होने वाले किसी अभ्यर्थी को उत्तर पता है तो उसे अंक जरूर मिलेंगे। यही वजह है कि यूपी और बिहार में अभ्यर्थी नॉर्मलाइजेशन का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। इसे लेकर अभ्यर्थी पटना में आंदोलन कर रहे हैं।

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