Nalanda Incident: कौन हैं नीतीश सरकार के 'श्रवण कुमार'? हमले के बाद मंत्री ने क्या कहा?

Published : Aug 27, 2025, 03:45 PM IST
Shravan Kumar Nalanda incident

सार

Nalanda Violence News: बिहार के नालंदा ज़िले में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार और हिलसा विधायक कृष्ण मुरारी पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। वहां से किसी तरह दोनों ने जान बचाकर भागे। हमला के बाद उन्होंने बताया वहां क्या हुआ था।

Nalanda News Update: बिहार के नालंदा ज़िले में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार और हिलसा विधायक कृष्ण मुरारी उर्फ ​​प्रेम मुखिया पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। ग्रामीणों के हमले में एक बॉडीगार्ड घायल हो गया। दरअसल, मंत्री श्रवण कुमार और विधायक कृष्ण मुरारी शाहजहांपुर थाना क्षेत्र में हुए दर्दनाक हादसे के पीड़ित परिवारों से मिलने गए थे। इस हादसे में 9 लोगों की जान चली गई थी। वे आज सुबह हिलसा के मलावन गांव पहुंचे थे। इसे लेकर मंत्री ने मीडिया को बताया की वहां क्या और कैसे और क्यों हुआ

हमला के बाद मंत्री श्रवण कुमार ने क्या कहा

बिहार कैबिनेट के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा हमलोग सड़क हादसे के पीड़ित परिवार से मिलने गए थे। जिसमें एक मृतक जीविका दीदी के परिजनों से मिलने गया था। वो नाराज क्यों थे, उन्हीं से पूछिएगा। हम तो मिलने गए थे। उनके दुख में शरीक होने गए थे। ऐसे में कुछ लोग नाराज थे, तो इसकी जानकारी मुझे नहीं है।

नीतीश के भरोसेमंद सिपाही हैं श्रवण कुमार

बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार न सिर्फ़ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मूल निवासी (कुर्मी) हैं, बल्कि उनके सबसे भरोसेमंद नेताओं में से एक माने जाते हैं। मुख्यमंत्री के गृह ज़िले नालंदा से ताल्लुक रखने वाले श्रवण कुमार लगातार सात बार विधायक रह चुके हैं।

राजनीति में कब से है श्रवण कुमार

68 वर्षीय श्रवण कुमार ने छात्र जीवन में ही राजनीति में कदम रख दिया था। वे जेपी आंदोलन के ज़रिए राजनीति में आए और फिर 1994 में समता पार्टी की स्थापना के बाद से नीतीश कुमार के साथ रहे। वे 1995 में समता पार्टी के टिकट पर नालंदा से विधायक बने और तब से अब तक हुए हर विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की है।

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श्रवण कुमार पहली बार कब पहुंचे थे विधानसभा

श्रवण कुमार ने इंटर तक पढ़ाई की है। समाज सेवा से जुड़े रहते हुए वे राजनीति में सक्रिय हुए। वे 1995 में समता पार्टी के टिकट पर पहली बार विधानसभा पहुंचे। उस समय समता पार्टी के केवल सात उम्मीदवार ही जीत पाए थे, जिनमें श्रवण कुमार भी शामिल थे।

जेडीयू के साथ लंबा राजनीतिक सफ़र

उन्होंने 2000 में भी समता पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की। ​​बाद में पार्टी का जेडीयू में विलय हो गया। तब से वे जेडीयू उम्मीदवार के तौर पर नालंदा से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। उनका राजनीतिक जीवन तीन दशकों से भी ज़्यादा लंबा है। श्रवण कुमार बिहार विधानसभा में जदयू के मुख्य सचेतक भी रह चुके हैं। वे नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी की कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं। वर्तमान में वे ग्रामीण विकास मंत्री का दायित्व संभाल रहे हैं।

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