
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में बस्तर के दूरस्थ इलाकों तक औद्योगिक विकास पहुँचाने की पहल अब धरातल पर नजर आने लगी है। छह महीने पहले मुख्यमंत्री ने बस्तर क्षेत्र के उद्योगपतियों, व्यापारियों, स्टार्टअप उद्यमियों और युवाओं से संवाद कर औद्योगिक निवेश को लेकर सकारात्मक माहौल बनाया था।
इन प्रयासों का नतीजा यह रहा कि जगदलपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ इनवेस्टर कनेक्ट बस्तर कार्यक्रम के दौरान करीब 1,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों की स्वीकृति दी गई।
इस कार्यक्रम में माओवाद प्रभावित इलाकों से भी उद्यमियों ने भाग लिया। इनमें कोंडागांव की युवा महिला उद्यमी रागिनी जायसवाल और बीजापुर जिले के उद्यमी सोहैल रिजवी प्रमुख रहे।
कोंडागांव निवासी रागिनी जायसवाल ने स्थानीय वन उत्पादों, ऑर्गेनिक फसलों और जड़ी-बूटियों के ज्ञान का उपयोग कर फिटनेस एंड न्यूट्रिशन यूनिट स्थापित किया है।
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दंतेवाड़ा जिले के गीदम निवासी सोहैल रिजवी बीजापुर में एक आधुनिक राइस मिल शुरू कर रहे हैं।
उनके पिता ने 17 साल पहले गीदम में राइस मिल शुरू की थी, जिसे अब सोहैल नई दिशा दे रहे हैं।
रागिनी और सोहैल जैसे उद्यमियों की पहल से:
युवा स्टार्टअप्स की यह सफलता सरकार की सुरक्षित, पारदर्शी और आकर्षक औद्योगिक नीति का सीधा परिणाम है। यह नीति न केवल स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहन दे रही है बल्कि भविष्य में बस्तर क्षेत्र को उद्योग और रोजगार का नया केंद्र बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
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