CM विष्णु देव साय ने दिलीप सिंह जूदेव को दी श्रद्धांजलि, बोले- आज भी जिंदा है विभाजन की पीड़ा

Published : Aug 15, 2025, 11:22 AM IST
CM Vishnu Dev Sai speech

सार

Bharat Partition Vibhishika Diwas: भारत विभाजन विभीषिका दिवस के अवसर पर महंत घासीदास संग्रहालय में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विभाजन को इतिहास का एक दर्दनाक अध्याय बताया और तिरंगे के सम्मान पर ज़ोर दिया। 

Raipur News: महंत घासीदास संग्रहालय के मुक्ताकाश मंच में आयोजित भारत विभाजन विभीषिका दिवस राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि भारत का विभाजन इतिहास का ऐसा दर्दनाक अध्याय है, जिसकी पीड़ा आज भी महसूस होती है। उस समय लाखों लोगों को अपने घर-परिवार और मातृभूमि से दूर होना पड़ा। कई स्थानों पर हिंसा और अशांति का माहौल था। कुछ लोग सुरक्षित वापस लौट पाए, लेकिन कई अपने घर नहीं पहुंच सके। अमृतसर स्टेशन जैसी घटनाएं आज भी उस कठिन दौर की याद दिलाती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग विभाजन के बाद भारत आए, उन्होंने साहस और मेहनत से नई शुरुआत की, जो प्रेरणादायक है।

दिलीप सिंह जूदेव की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री ने बताया कि 14 अगस्त को स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव जी की पुण्यतिथि भी है। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में राज्यमंत्री के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका व्यक्तित्व विशाल और स्वभाव परोपकारी था। धरमजयगढ़ में उनकी पुण्यतिथि पर संस्कृति रक्षा महासम्मेलन और अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया।

तिरंगे का सम्मान हर नागरिक का कर्तव्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि कठिन संघर्ष और बलिदान से हमें स्वतंत्रता मिली है, इसलिए तिरंगे का सम्मान करना हम सबका कर्तव्य है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हर घर तिरंगा और तिरंगा यात्राओं ने पूरे देश में एकता और उत्साह का वातावरण बनाया है।

मुख्य वक्ताओं के विचार- विभाजन की घटनाओं से सीख

राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य वक्ता, विचारक एवं लेखक डॉ. सदानंद सप्रे ने कहा कि विभाजन की घटनाएं इतिहास का अहम हिस्सा हैं और हमें मिलकर भारत की एकता और अखंडता को मजबूत करना होगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. युधिष्ठिर लाल महाराज ने कहा कि हमें स्वतंत्रता के साथ-साथ विभाजन के समय के दर्द, विस्थापन और चुनौतियों को भी याद रखना चाहिए। सिख और सिंधी समाज सहित कई समुदायों को उस समय अपने घर-परिवार छोड़कर पलायन करना पड़ता था, जो एक बड़ा मानवीय संकट था।

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कार्यक्रम में गणमान्यजनों की उपस्थिति

कार्यक्रम के अंत में संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक सुनील सोनी, मोतीलाल साहू, अजय जामवाल, पवन साय, छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी के अध्यक्ष शशांक शर्मा, छत्तीसगढ़ अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा, बड़ी संख्या में विद्यार्थी और गणमान्यजन मौजूद थे।

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