छत्तीसगढ़ के बस्तर लोकसभा क्षेत्र में आने वाले पुवर्ती गांव से एक भी मतदाता ने वोट नहीं डाला। खूंखार माओवादी हिडमा इसी गांव का है। नक्सलियों ने मतदान का बहिष्कार करने के लिए कहा था।
सुकमा। छत्तीसगढ़ के बस्तर लोकसभा सीट के लिए शुक्रवार को मतदान हुआ। 67.56 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इस दौरान नक्सलियों के आतंक वाले इलाकों में बहुत से लोग वोट डालने के लिए नहीं निकले। ऐसा ही एक गांव है पुवर्ती। यहां का एक भी मतदाता वोट डालने के लिए घर से नहीं निकला।
यह गांव कट्टर माओवादी नेता हिडमा का है। गांव बीजापुर जिले की सीमा से लगा है। हिडमा खूंखार नक्सली है। उसे बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों पर कई घातक हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है। हिडमा गांव को नक्सलियों का गढ़ भी समझा जाता है।
पुवर्ती गांव से 20-25 किलोमीटर दूर बनाया गया था मतदान केंद्र
पुवर्ती मतदान केंद्र के बूथ स्तर अधिकारी (बीएलओ) जावा पटेल ने बताया है कि यहां किसी भी मतदाता ने वोट नहीं डाला। ग्रामीण नक्सलियों के डर के चलते मतदान केंद्र नहीं आए। पुवर्ती मतदान केंद्र (नंबर 4) तीन गांवों (पुवर्ती, टेकलगुडियाम और जोनागुडा के मतदाताओं के लिए) स्थापित किया गया था। इसे पुवर्ती से लगभग 20-25 किलोमीटर दूर सिलगेर गांव में स्थापित किया गया था। पुवर्ती में मतदाताओं की संख्या 332 है। वहीं, टेकलगुडियाम में 158 और जोनागुडा में 157 मतदाता हैं। इस तरह पुवर्ती बूथ के कुल मतदाताओं की संख्या 547 है। पुवर्ती बूथ पर कुल 31 वोट डाले गए। इनमें से कोई पुवर्ती गांव से नहीं था।
बस्तर लोकसभा सीट में सुकमा जिले को कवर करने वाले कोंटा विधानसभा क्षेत्र में 54.31 प्रतिशत मतदान हुआ। माओवादियों की जगरगुंडा एरिया कमेटी ने पुवर्ती गांव और आसपास के गांवों में बैनर लगाकर लोगों से चुनाव का बहिष्कार करने की अपील की थी।
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सुकमा जिला मुख्यालय से 150 किलोमीटर दूर है पुवर्ती गांव
पुवर्ती गांव सुकमा जिला मुख्यालय से लगभग 150 किमी दूर घने जंगल में है। यहां के लोग नक्सली खतरे और भौगोलिक परिस्थितियों के कारण विकास और बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। यह माओवादियों की पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) बटालियन नंबर 1 के पूर्व कमांडर हिडमा और मौजूदा कमांडर बरसे देवा का गांव है।
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