छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की रजत जयंती: राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने साझा किए विचार, 25 वर्षों की उपलब्धियों का सम्मान

Published : Sep 28, 2025, 08:58 AM IST
chhattisgarh high court Silver Jubilee 2025

सार

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने स्थापना के 25 वर्ष पूरे किए। रजत जयंती समारोह में राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने न्यायपालिका की उपलब्धियों की सराहना की। पारदर्शिता और तकनीकी नवाचारों को विशेष रूप से रेखांकित किया गया।

रायपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की स्थापना का रजत जयंती समारोह महामहिम राज्यपाल श्री रमेन डेका के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से की गई। उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों ने मुख्य अतिथि राज्यपाल श्री डेका, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू का पौधा और स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, श्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी, विधि मंत्री श्री गजेन्द्र यादव और पूर्व राज्यपाल रमेश बैस सहित कई अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। समारोह में रजत जयंती पर आधारित विशेष स्मारिका का विमोचन भी किया गया।

राज्यपाल रमेन डेका का संबोधन- न्याय सबके लिए सुलभ होना चाहिए

मुख्य अतिथि राज्यपाल श्री रमेन डेका ने कहा कि यह अवसर उनके लिए गर्व का विषय है। उन्होंने याद दिलाया कि 1 नवम्बर 2000 को जब छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना हुई, तभी बिलासपुर में उच्च न्यायालय की भी नींव रखी गई। उन्होंने न्यायपालिका को संविधान का व्याख्याकार, नागरिक अधिकारों का रक्षक और न्याय का प्रहरी बताया। राज्यपाल ने लोक अदालतों के जरिए मामलों के त्वरित समाधान की सराहना की और कहा कि न्याय केवल शक्तिशाली लोगों के लिए नहीं बल्कि गांव-गरीब और आम नागरिकों के लिए भी सुलभ होना चाहिए। तभी लोकतांत्रिक व्यवस्था मजबूत होगी।

न्यायालय की 25 वर्षों की उपलब्धियां

राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि प्रथम मुख्य न्यायाधीश माननीय डब्ल्यू.ए. शिशक और उनके उत्तराधिकारियों ने इस न्यायालय को गरिमा और सशक्त न्यायिक परंपरा दी। अधिवक्ताओं और न्यायिक कर्मचारियों की मेहनत ने संस्था को मजबूती दी। इन 25 वर्षों में अदालत ने संवैधानिक नैतिकता, नागरिक स्वतंत्रता, आदिवासी अधिकार, पर्यावरण संरक्षण, सुशासन और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर महत्वपूर्ण निर्णय दिए। न्यायालय ने विकास और अधिकारों में संतुलन बनाकर यह सुनिश्चित किया कि प्रगति न्याय की कीमत पर न हो।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का संबोधन- हाईकोर्ट ने दी नई पहचान

विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की स्थापना का यह रजत जयंती वर्ष है और इसी के साथ हाईकोर्ट और विधानसभा भी 25 वर्ष पूरे कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिलासपुर को हाईकोर्ट ने एक नई पहचान दी है। मुख्यमंत्री ने भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री और छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

न्यायिक ढांचे को मजबूत बनाने के प्रयास

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार न्यायिक ढांचे को और मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही है। पिछले दो वर्षों में विधि एवं विधायी विभाग के बजट में 25% और 29% की वृद्धि की गई है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के कई न्यायाधीश देश की सर्वोच्च अदालत तक पहुंचे हैं। वर्चुअल कोर्ट, लाइव स्ट्रीमिंग, डिजिटल रिकॉर्ड रूम और आधार आधारित सर्च जैसे तकनीकी नवाचारों से न्यायिक प्रक्रियाएं और पारदर्शी हुई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अंग्रेजों की दंड संहिता को खत्म कर भारतीय न्याय संहिता लागू की, जिसका फोकस दंड पर नहीं बल्कि न्याय पर है।

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के विचार

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश श्री जे.के. माहेश्वरी ने कहा कि आने वाले 25 वर्षों में न्यायपालिका को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आम आदमी कोर्ट में विश्वास के साथ आता है और न्यायपालिका का सबसे बड़ा उद्देश्य इसी विश्वास को बनाए रखना है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश श्री प्रशांत कुमार मिश्रा ने भी इस अवसर पर शुभकामनाएं दीं और अपने संस्मरण साझा किए।

केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू का संदेश

केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने कहा कि यह सिर्फ 25 वर्षों की यात्रा का उत्सव नहीं है बल्कि उस सुदृढ़ परंपरा का सम्मान है जिसने संविधान और लोकतंत्र की रक्षा में निरंतर योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने पारदर्शिता और तकनीक को अपनाकर न्याय को सरल और सुलभ बनाया है।

मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा का स्वागत भाषण

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री रमेश सिन्हा ने स्वागत भाषण में कहा कि रजत जयंती हम सबके लिए गौरव का क्षण है। पिछले 25 वर्षों में न्यायालय ने कानून के शासन को स्थापित करने और न्यायिक कार्यों में सकारात्मक बदलाव लाने में अहम भूमिका निभाई है।

कार्यक्रम का समापन

समारोह के अंत में न्यायाधीश श्री संजय के अग्रवाल ने आभार व्यक्त किया। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, श्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी, विधि मंत्री श्री गजेन्द्र यादव, मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश श्री एम.एम. श्रीवास्तव, तेलंगाना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पी. सैम कोसी, पूर्व न्यायाधीश, पूर्व राज्यपाल श्री रमेश बैस, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, अधिवक्ता, जन प्रतिनिधि और न्यायिक सेवा से जुड़े अधिकारी उपस्थित रहे।

यह भी पढ़ें

CM विष्णु देव साय से ब्रह्माकुमारी प्रतिनिधि मंडल की भेंट, माउंट आबू सम्मेलन और शांति शिखर लोकार्पण का आमंत्रण

छत्तीसगढ़ में खिलाड़ियों को बड़ा तोहफ़ा: ओलंपिक प्रतिभागियों को 21 लाख और पदक विजेताओं को करोड़ों की पुरस्कार राशि

PREV

छत्तीसगढ़ की सरकारी योजनाएं, शिक्षा-रोजगार अपडेट्स, नक्सल क्षेत्र समाचार और स्थानीय विकास रिपोर्ट्स पढ़ें। रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग और बस्तर क्षेत्र की खबरों के लिए Chhattisgarh News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — सबसे विश्वसनीय राज्य कवरेज यहीं।

Read more Articles on

Recommended Stories

छत्तीसगढ़: बीजापुर में नक्सली ऑपरेशन में मारे गए 12 माओवादी, 3 सुरक्षाकर्मी भी शहीद
रायगढ़ : ऐसा क्या हुआ? RPF जवान ने हेड कांस्टेबल दोस्त की हत्या, सिर में मारी 4 गोली