
दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले के बाद की तस्वीरें दिल झकझोरने वाली हैं। एक मॉं अपने बेटे को अंतिम बार सीने से लगाना चाहती थी तो एक शहीद जवान की पत्नी खुद को ही नहीं संभाल पा रही थी। पापा के मौत की खबर सुनकर बच्चे भी मर्माहत थे और फूट-फूटकर रो रहे थे। शहीदों के गांव में मातम पसरा हुआ था। इलाके की महिलाओं के भी आंसू नहीं थम रहे थे। हर तरफ से सिर्फ रोने और चीखने चिल्लाने की आवाज आ रही थी। यह भयावह दृश्य देख रहे लोग भी अपना आंसू नहीं रोक पा रहे थे।
यह दृश्य देखकर लोगों का कांप गया कलेजा
कासोली में एक शहीद जवान के अंतिम संस्कार का दृश्य दिल कंपा देने वाला था। एक जवान की पत्नी बिलखते हुए उसके चिता पर लेट गई और रोते हुए बोली कि मुझे भी साथ जाना है। शहीद की अंतिम विदाई का यह मंजर देख रहे हर शख्स की आंखों में आंसू आ गए। परिजनों के रोने की आवाज सुनकर पुलिसकर्मी भी भावुक हो गए।
किसा का सुहाग उजड़ा तो किसी के सिर से उठ गया पिता का साया
शहीदों की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। किसी का सुहाग उजड़ गया तो किसी के सिर से असमय पिता का साया उठ गया। मॉं और पिता अपने कलेजे के टुकड़े के लिए फूट-फूटकर रोते नजर आए। शहीद जवानों की पत्नियों इतनी गमजदा थीं कि उनको संभालना मुश्किल हो रहा था। उधर, नक्सलियों ने शवों को गांव में न लाने का फरमान जारी कर दिया था। इस वजह से दो शहीद जवानों के शवों का शांतिकुंज के पास ही अंतिम संस्कार हुआ। इनमें दुलगो मंडावी ओर जोगा कवासी के शव शामिल थे।
गाड़ी का इंजन 100 मीटर दूर उछल कर गिरा
दंतेवाड़ा में हुआ नक्सली हमला इतना जोरदार था कि आइइडी ब्लास्ट के बाद घटना स्थल से 100 मीटर की दूरी तक उस वाहन का इंजन उछल कर गिरा पड़ा मिला। जिस वाहन पर डीआरजी के जवान सवार थे। गाड़ी के अवशेष भी अलग अलग जगहों पर गिरे पड़े मिले। शव भी क्षत-विक्षत हालत में पाए गए। शहीद हुए 10 जवानों में से 8 पहले नक्सली थे। एक ड्राइवर भी शहीद हुआ है।
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