
रायपुर। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग, भारत सरकार ने नवा रायपुर में राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया। उद्देश्य था – खाद्यान्न उपार्जन प्रणाली में दक्षता, पारदर्शिता और तकनीकी सुधार लाना। इसमें प्रदेश के खाद्य, सहकारिता और कृषि विभाग के अधिकारी शामिल हुए।
कार्यशाला का शुभारंभ भारतीय खाद्य निगम (FCI) के सीएमडी आशुतोष अग्निहोत्री, भारत सरकार की संयुक्त सचिव सुश्री शिखा और छत्तीसगढ़ की खाद्य सचिव श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
भारत सरकार के अधिकारियों ने कस्टम मिलिंग में पारदर्शिता लाने के उपाय बताए। संयुक्त सचिव सुश्री शिखा ने बताया-
इसके अलावा, राइस मिलों के संयुक्त भौतिक सत्यापन के लिए नई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) लागू की गई है, जिसमें सॉफ्टवेयर और स्वचालित चयन प्रणाली का इस्तेमाल होगा।
अधिकारियों ने सेंट्रल फूड प्रोक्योरमेंट पोर्टल और सेंट्रल फूड स्टोरेज पोर्टल के बारे में जानकारी दी। जून महीने में FCI ने प्रदेश को 188 रैक उपलब्ध कराए, जिससे लगभग 6 लाख मीट्रिक टन चावल का भंडारण हुआ। यह चावल कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में कल्याणकारी योजनाओं के तहत भेजा जा रहा है।
प्रदेश के लगभग 25 लाख किसान 2,739 उपार्जन केंद्रों में समर्थन मूल्य पर धान बेचते हैं।
खाद्य सचिव श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले ने भारत सरकार के अधिकारियों को बताया कि-
कार्यशाला में FCI के कार्यकारी निदेशक श्री दलजीत सिंह और डॉ. अश्विनी कुमार गुप्ता, भारत सरकार के अधिकारी श्री मातेश्वरी प्रसाद मिश्रा, विपणन संघ और नागरिक आपूर्ति निगम की एमडी श्रीमती किरण कौशल, संचालक खाद्य श्री कार्तिकेय गोयल, पंजीयक सहकारिता श्री कुलदीप शर्मा, FCI के महाप्रबंधक श्री देवेश यादव समेत कई अधिकारी मौजूद थे। समापन पर भारत सरकार के अधिकारियों को स्मृति चिन्ह देकर आभार जताया गया।
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