महतारी वंदन योजना छत्तीसगढ़ की महिलाओं के परिश्रम का सम्मान, दो दिनों में 8.14 लाख औरतों ने भरा आवेदन

महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना लागू की गई है। योजना के अंतर्गत पात्र विवाहित महिलाओं को 1000 रूपए प्रतिमाह डीवीटी के माध्यम से भुगतान किया जाएगा।

रायपुर, 06 फरवरी 2024. महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश में महतारी वंदन योजना लागू की गई है। योजना के अंतर्गत पात्र विवाहित महिलाओं को 1000 रूपए प्रतिमाह डीवीटी के माध्यम से भुगतान किया जाएगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने नारा दिया है कि हमने ही बनाया है हम ही संवारेंगे। एक महिला जब मजबूत होती है तब एक परिवार संवरता है, परिवार के संवरने से समाज संवरता है और समाज के संवरने से राज्य संवरता है इसलिए मोदी जी ने महतारी वंदन योजना की गारंटी दी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इसे शुरू किया ताकि महिलाओं के परिश्रम का सम्मान करते हुए उन्हें सम्मान स्वरूप स्नेह राशि भेंट की जाए।

महतारी वंदन योजना छत्तीसगढ़ की महिलाओं के सम्मान का प्रतीक है। छत्तीसगढ़ की परंपरा रही है कि यहां बेटियों को अगाध स्नेह और सम्मान दिया जाता है। बेटियों का हर घर में विशेष स्थान होता है। तीज-त्यौहारों में बेटियों और बहनों को स्नेह से भेंट और राशि दी जाती है। छत्तीसगढ़ सरकार ने भी महतारी वंदन योजना के जरिए प्रदेश की लाखों महिलाओं का मान-सम्मान बढ़ाया है। सरकार ने स्नेह स्वरूप महिलाओं को सालाना 12 हजार रूपए देने का निर्णय लिया है इससे महिलाओं में खासा उत्साह है। महतारी वंदन योजना लागू होने से महिलाओं के विश्वास की जीत हुई है। अब उनकी छोटी-छोटी ख्वाहिशें अधूरी नहीं रहेंगी। राज्य भर में महतारी वंदन योजना को लेकर महिलाओं में खुशी का माहौल है। महिलाओं को इस योजना ने उम्मीद की एक ऐसी किरण दी है जिससे उनके आगे की राह प्रशस्त होगी।

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बिलासपुर जिले के मस्तूरी विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम वेद परसदा निवासी श्रीमती प्रीति सिंह ने भी महतारी वंदन योजना के लिए आज फॉर्म भरा है। उन्होंने बताया कि वैसे तो उनके पति उनकी हर जरूरत पूरी करते हैं। उनसे स्नेह भी बहुत करते हैं, लेकिन कहीं न कहीं उन्हें इस बात की कसक थी कि उनकी स्वयं की कोई पहचान नहीं है। उनकी खुद की कोई आय नहीं है। महतारी वंदन योजना से मिली राशि उन्हें पहचान दिलाएगी। वे अपनी-अपनी छोटी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहेगी। श्रीमती गायत्री आदित्य का कहना है कि हम महिलाएं चौबीसों घंटे घर का काम करती हैं लेकिन इसके एवज में हमारे परिश्रम और त्याग के लिए हमें कोई प्रोत्साहन राशि नहीं मिलती है। छत्तीसगढ़ सरकार ने हमारी सुध ली है और महतारी वंदन योजना के जरिए हमारे श्रम का सम्मान किया है। सरकार ने नाम भी कितना अच्छा रखा है महतारी वंदन, यह हमारे परिश्रम का सम्मान है। कुछ ऐसे ही विचार श्रीमती गणेशी देवांगन के भी हैं। वे कहती है इस योजना से निश्चित स्प से हमारी दशा और दिशा बदल जाएगी। हम आर्थिक रूप से सबल होंगे। श्रीमती वीरस सूर्यवंशी का कहना है कि कई बार पैसों के अभाव में हमारी ख्वाहिशें अधूरी रह जाती थीं, हमें परिस्थितियों से समझौता करना पड़ता था लेकिन महतारी वंदन योजना से हमारी ख्वाहिशें को पूरा करने सरकार हमें सम्मान राशि प्रदाय करेगी।

दो दिनों में 8.14 लाख महिलाओं ने महतारी वंदन के लिए भरा आवेदन

महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आरंभ की गई महतारी वंदन योजना के लाभ के लिए दूसरे दिन भी बड़ी संख्या में आवेदन भरने का सिलसिला जारी रहा। इस योजना के तहत दो दिनों में ही 8 लाख 13 हजार 944 आवेदन प्राप्त हुए हैं। आज आवेदन भरने के दूसरे दिन 6 लाख 26 हजार से अधिक महिलाओं ने आवेदन जमा किया। अब तक सर्वाधिक 61 हजार 994 आवेदन जांजगीर जिले में भरे गए हैं। महतारी वंदन योजना के अंतर्गत महासमुंद जिले में 60 हजार 187 तथा दुर्ग जिले में 56 हजार 826 आवेदन प्राप्त हुए हैं।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार महतारी वंदन योजना के तहत पात्र महिलाओं से सहजता से आवेदन प्राप्त करने एवं उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन के लिए सभी जिलों में कलेक्टरों के निर्देशन में बेहतर व्यवस्थाएं की गई हैं। प्रक्रिया में अधिक समय न लगे इसके लिए प्रशासन ने पात्रता संबंधी नियमों को बताने और जरूरी दस्तावेज चेक करने के लिए कर्मचारी तैनात किए गए हैं।

प्रदेश में हर तरफ महतारी वंदन का माहौल है। आवेदन भरने को लेकर सभी जिलों में लग रहे कैंपों में महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। इस योजना के लाभ को लेकर महिलाओं में बेहद उत्साह है। महिलाओं का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से हर महीने मिलने वाली एक हजार रूपए की राशि से वह अपनी छोटी-मोटी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होंगी।

जिलावार प्राप्त आवेदन- महतारी वंदन योजना के अंतर्गत अब तक बालोद में 23391, बलौदाबाजार में 8791, बलरामपुर में 15522, बस्तर में 35590, बेमेतरा में 37847, बीजापुर में 2428, बिलासपुर में 37970, दंतेवाड़ा में 14719, धमतरी में 15863, दुर्ग में 56826, गरियाबंद में 21189, जांजगीर में 61994, जशपुर में 5367, कांकेर में 9706, कवर्धा में 30837, कोंडागांव में 27396, कोरबा में 23348, कोरिया में 8447, महासमुंद में 60187, मुंगेली में 16896, नारायणपुर में 926, रायगढ़ में 18828, रायपुर में 43126, राजनांदगांव में 32776, सरगुजा में 12735, सुकमा में 3063, सूरजपुर में 46682, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 24810, सक्ती में 16363, खैरगढ़-छुईखदान-गण्डई में 8628, मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी में 4159, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 5743, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 41392 और जशपुर में 36039 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।

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