
रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बुधवार(22) को खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को सपोर्ट करने वाले लोगों के एक समूह ने रैली निकाली। इसके बाद पुलिस ने कार्यक्रम के आयोजकों को नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया कि यह रैली बिना परमिशन के निकाली गई।
पुलिस ने कहा कि रैली यानी एक पैदल मार्च तेलीबांधा से शुरू हुआ। इसमें सिख समुदाय के लोगों का एक छोटा समूह शामिल था। यह मार्च पास के पंचशील नगर में स्थित आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यालय के सामने समाप्त हुआ।
प्रदर्शनकारियों ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का पुतला भी फूंका। रायपुर के SSP प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि जब पुलिस को अधिकारियों की पूर्व अनुमति के बिना निकाली गई रैली के बारे में पता चला, तो उन लोगों को नोटिस जारी किया गया, जिन्होंने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था। हालांकि एसएसपी ने और डिटेल्स नहीं दी।
मीडिया से बात करते हुए खुद को दिलेर सिंह बताने वाले एक प्रदर्शनकारी ने अमृतपाल सिंह को निर्दोष बताया और पंजाब सरकार और सुरक्षा एजेंसियों पर उसे झूठा फंसाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अमृतपाल सिंह नशे के खिलाफ लड़ रहे हैं और युवाओं को इससे दूर रखते हुए उन्हें धर्म से जोड़ रहे हैं। रैली के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा परिसर में मीडिया से कहा कि स्थानीय प्रशासन इस मुद्दे पर नजर रखे हुए है।
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए भाजपा के सीनियर विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने इस घटना को बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि रैली ऐसे समय में निकाली गई, जब राज्य की राजधानी में विधानसभा का सत्र चल रहा है।
खालिस्तानी अलगाववादी अमृतपाल सिंह जो वारिस पंजाब दे का प्रमुख है, पंजाब पुलिस द्वारा संगठन के सदस्यों के लिए बड़े पैमाने पर खोज शुरू करने के बाद से फरार है। अमृतपाल सिंह पंजाब पुलिस के निशाने पर था, जब उसने और उनके सशस्त्र अनुयायियों ने पिछले महीने अजनाला में एक पुलिस स्टेशन पर धावा बोलकर अपने एक सहयोगी को छुड़ाने के लिए हमला किया था।
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