Religion Conversion News: बस्तर के भेजरीपदर गांव के ग्रामीणों ने ग्राम सभा की बैठक कर धर्मांतरण को लेकर एक नया फरमान जारी किया है। फरमान के अनुसार, धर्म परिवर्तन करने वाले अब इस गांव में नही रहेंगे।
Religion Conversion News: बस्तर के भेजरीपदर गांव के ग्रामीणों ने ग्राम सभा की बैठक कर धर्मांतरण को लेकर एक नया फरमान जारी किया है। फरमान के अनुसार, धर्म परिवर्तन करने वाले अब इस गांव में नही रहेंगे। ऐसे लोग अपने मूल धर्म में वापस लौटें या फिर गांव और घर छोड़ दें। ग्रामीणों ने इस सिलसिले में डिप्टी कलेक्टर को भी ज्ञापन सौंपकर यही मांग दोहराई है।
मृत महिला का शव दफनाए जाने का बाद उठा था विवाद
बस्तर (Bastar) में धर्मांतरण (Religion Conversion) के बढ़ते मामलों का स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं। बीते दिनों भेजरीपदर गांव में विशेष समुदाय की मृत महिला का शव दफनाने के बाद विवाद उपजा था। वह मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि मूल धर्म के आदिवासी एक बार फिर धर्मपरिवर्तन के मामलों को को लेकर विरोध में उतर आए हैं। ग्राम सभा ने फरमान जारी कर रहा है कि धर्म परिवर्तन करने वाले लोग अपने मूल धर्म में लौटे। यदि वह ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें गांव से बेदखल किया जाएगा। 100 से ज्यादा ग्रामीणों ने इस मामले में बस्तर डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है। ग्रामीणों का कहना है कि धर्म परिवर्तन करने वाले लोग अब गांव में नहीं रहेंगे।
इस गांव के 50 से अधिक परिवारों ने ईसाई धर्म अपनाया
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने सामूहिक बैठक में यह फैसला लिया है। तमाम परिवार ने ईसाई धर्म अपना लिया है। यदि वह परिवार अपने मूल धर्म में वापस नहीं लौटे तो उन्हें गांव और अपना घर छोड़कर जाना होगा। उन्हें गांव में नहीं रहने दिया जाएगा। गांव के लगभग 50 से अधिक परिवारों ने ईसाई धर्म अपनाया है।
देवी देवता और प्रकृति की करते आ रहे हैं पूजा
ग्रामीणों का कहना है कि आदिवासी अपने मूल धर्म का पालन आदिकाल से ही करते आ रहे हैं। हम लोग देवी देवता और प्रकृति की पूजा करते आ रहे हैं। पर कुछ वर्षों में धर्मांतरण के केस बढ़े हैं। लालच में आकर कुछ लोग अपना धर्म बदलकर ईसाई धर्म अपना रहे हैं। अब ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।
सरपंच भी कर चुके हैं धर्म परिवर्तन
सर्व आदिवासी समाज का कहना है कि सिर्फ बस्तर मे ही नहीं बल्कि अन्य जगहों पर भी तेजी से धर्मांतरण कराया जा रहा है। लोगों को लालच देकर परम्पराओं और पूजा पाठ छोड़ने को मजबूर किया जा रहा है। गांव वाले अपने फैसले की जानकारी देने के लिए कलेक्टर के पास भी पहुंचे। गांव के सरपंच भी अपना धर्मपरिवर्तन कर चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि सरपंच अपने मूल धर्म में वापस नहीं लौटते हैं तो उनकी कुर्सी जाएगी। अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा।