Mahakumbh 2025: पूर्णिमा के साथ ही समाप्त हो गया था असली कुंभ, ये 'सरकारी कुंभ'-शंकराचार्य

Published : Feb 27, 2025, 09:15 AM ISTUpdated : Feb 27, 2025, 09:23 AM IST
Jagadguru Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand Saraswati Maharaj(Photo/ANI)

सार

जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने चल रहे महाकुंभ की आलोचना करते हुए कहा कि असली कुंभ माघ महीने की पूर्णिमा के साथ ही समाप्त हो गया था। उन्होंने इसे 'सरकारी कुंभ' करार दिया। 

छत्तीसगढ़ (एएनआई): जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने बुधवार को चल रहे महाकुंभ की आलोचना करते हुए कहा कि असली कुंभ माघ महीने की पूर्णिमा के साथ ही समाप्त हो गया था।
उन्होंने इसे 'सरकारी कुंभ' करार दिया क्योंकि महाकुंभ पूर्णिमा की रात को ही समाप्त हो गया था। 

शंकराचार्य ने कहा, "महाकुंभ पूर्णिमा को ही बीत गया था। अभी जो हो रहा है वह 'सरकारी कुंभ' है। असली कुंभ माघ के महीने में होता है। माघ महीने की पूर्णिमा बीत चुकी है, और कुंभ में आए सभी 'कालपवासी' माघ पूर्णिमा के बाद चले गए थे।"

उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि सरकार द्वारा आयोजित यह आयोजन पारंपरिक कुंभ मेले जैसा आध्यात्मिक महत्व नहीं रखता, जो उनके अनुसार श्रद्धालुओं का असली जमावड़ा होता है। कुंभ पर अपनी टिप्पणी के अलावा, शंकराचार्य ने आगामी 17 मार्च के आंदोलन के बारे में भी बात की, जहाँ उनका उद्देश्य गौ हत्या के गंभीर मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करना है।

उन्होंने कहा, "17 मार्च को, हमने सभी को गौ हत्या के मामले पर चर्चा करने के लिए एक साथ आने का समय दिया है। हमने देश भर के सभी राजनीतिक दलों और सरकारों से एक साथ आने और इस पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा है कि क्या वे गौ हत्या को रोकना चाहते हैं या इसे आज़ादी के समय से ही जारी रखना चाहते हैं। हमने उन्हें अपना निर्णय अंतिम रूप देने के लिए 17 मार्च तक का समय दिया है।" यह सभा दिल्ली में होगी, जहाँ शंकराचार्य और अन्य संबंधित नेता सरकार और विपक्ष दोनों के राजनीतिक दलों के अपनी स्थिति की घोषणा करने की प्रतीक्षा करेंगे। उनकी घोषणाओं के बाद, शंकराचार्य ने कहा कि वे "इस मामले पर अपनी नीति तैयार करेंगे।"

महाकुंभ का समापन बुधवार को प्रयागराज में महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर अंतिम 'स्नान' के साथ हुआ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 13 जनवरी, पौष पूर्णिमा से प्रयागराज में 26 फरवरी, महाशिवरात्रि तक चले महाकुंभ-2025 में 66 करोड़ 21 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र त्रिवेणी में स्नान का पुण्य लाभ प्राप्त किया।

महाकुंभ 2025 के अंतिम दिन महाशिवरात्रि के साथ प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आना जारी रहा। 13 जनवरी से शुरू हुए पहले अमृत स्नान पौष पूर्णिमा के बाद महाकुंभ का समापन बुधवार को हो गया। इसके बाद 14 जनवरी को मकर संक्रांति, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या, 3 फरवरी को बसंत पंचमी और 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा पर स्नान हुए। (एएनआई)

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