पहला तो वे तय वक्त से पहले ही दिल्ली में दाखिल हुए, दूसरा वे तय रास्तों के अलावा दूसरे रास्तों से आए। ऐसे में पुलिस और किसानों के बीच विवाद हुआ। किसानों ने कई जगहों पर पुलिस बैरिकेड्स तोड़ दिए। ITO पर किसानों ने पुलिसवालों पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की। इसके बाद प्रदर्शनकारी लालकिले तक पहुंच गए और वहां पर अपना झंडा फहराया।
नई दिल्ली । दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस. एन. श्रीवास्तव ने दिल्ली पुलिसकर्मियों के नाम एक लेटर जारी किया है। जिसमें उन्होंने है कहा कि आने वाले कुछ चुनौती पूर्ण होंगे। वहीं, हिंसा में शामिल 20 किसान नेताओं के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी किया है। अब उनको देश के बाहर जाने की इजाजत नहीं होगी। पासपोर्ट जब्त कर लिया जाएगा। इससे पहले बुधवार को 37 नेताओं के खिलाफ पुलिस ने FIR दर्ज किया था। बता दें कि 26 जनवरी को किसानों के हिंसक आंदोलन में घायल पुलिसकर्मियों से गुरुवार को अमित शाह ने मुलाकात की। गृहमंत्री ने सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर और तीरथराम हॉस्पिटल पहुंचकर घायल जवानों का हालचाल जाना।
लेटर में लिखी है ये बातें
''26 जनवरी को किसान आंदोलन के उग्र और हिंसक हो जाने पर भी आपने अत्यंत संयम और सूझबूझ का परिचय दिया। जबकि हमारे पास बल प्रयोग का विकल्प मौजूद था,लेकिन हमने सूझबूझ का परिचय दिया। आपके इस आचरण से दिल्ली पुलिस इस चुनौतीपूर्ण आंदोलन से निपट पाई। हम सब इस प्रकार की चुनौतियों का सामना करते आए हैं। आपकी मेहनत और कार्यकुशलता से ही किसान आंदोलन की चुनौती का हम डटकर मुकाबला कर पाए हैं। किसान आंदोलन में हुई हिंसा में हमारे 397 साथी घायल हुए हैं। कुछ का इलाज अभी भी अस्पतला में चल रहा है। मैंने खुद घायल साथियों से अस्पताल में पहुंचकर उनका हाल चाल जाना। सबको अच्छा इलाज मिल रहा है। दिल्ली पुलिस उनके अच्छे स्वास्थ्य और इलाज के लिए प्रतिबद्ध है। मैं आपको बताना चाहता हूं कि आगे आने वाले कुछ दिन हमारे लिए काफी चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। इसलिए हमें सचेत रहने की आवश्यकता है। हम सबको अपना धैर्य और अनुशासन बनाए रखना है। मैं आपके संयम और धैर्य के लिए धन्यवाद देता हूं।'' जयहिंद।
हिंसा करने वालों पर चलेगा राजद्रोह का केस
मंगलवार को लाल किले में उपद्रव करने वालों पर राजद्रोह का केस दर्ज हुआ है। बुधवार को दिल्ली पुलिस ने एक्शन लेते हुए राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, दर्शन पाल, बलदेव सिंह सिरसा, बलबीर सिंह राजेवाल और जगतार सिंह बाजवा समेत 20 किसान नेताओं को 3 दिन में जवाब देने के लिए एक नोटिस जारी किया है। पुलिस ने पूछा है- आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों ना हो।। इनमें से 6 के नाम अभी तक सामने आए हैं।
26 जनवरी के दिन क्या-क्या हुआ?
कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसानों ने 26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर मार्च निकालने की अनुमति मांगी थी। दिल्ली पुलिस ने उन्हें तीन रास्तों से ट्रैक्टर मार्च निकालने की अनुमति दे दी। शर्त थी कि जवानों की परेड होने बाद 12 बजे से किसान दिल्ली में तीन तय रास्तों से दाखिल हो सकते हैं, लेकिन किसानों ने तय शर्त तोड़ दी।
किसानों ने कौन-कौन सी शर्त तोड़ी?
पहला तो वे तय वक्त से पहले ही दिल्ली में दाखिल हुए, दूसरा वे तय रास्तों के अलावा दूसरे रास्तों से आए। ऐसे में पुलिस और किसानों के बीच विवाद हुआ। किसानों ने कई जगहों पर पुलिस बैरिकेड्स तोड़ दिए। ITO पर किसानों ने पुलिसवालों पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की। इसके बाद प्रदर्शनकारी लालकिले तक पहुंच गए और वहां पर अपना झंडा फहराया।