दिल्ली में बढ़ते अपराध और फिरौती की घटनाओं पर अरविंद केजरीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला बोला है। क्या दिल्ली बन गई है 'एक्सटॉर्शन कैपिटल'?
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। दिल्ली में जल्दी विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में वो अपनी पार्टी को जीतने के लिए किसी भी तरह की कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते हैं। इस दौरान वो विपक्ष की पार्टियों पर जमकर निशाना साधते हुए दिखाई दे रहे हैं। हाल ही में उन्होंने बीजेपी पार्टी के नेता और गृह मंत्री अमित शाह पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कानून व्यवस्था को लेकर कई बड़े सवाल उठाए हैं। साथ ही दिल्ली की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जाहिर की है। अरविंद केजरीवाल ने अमित शाह पर इल्जाम लगाते हुए कहा कि दिल्ली में इस वक्त कोई भी सुरक्षित नहीं है क्योंकि यहां पर दिन दहाड़े गोलियां चलाई जा रही है। करोड़ रुपयों की फिरौती मांगी जा रही है।
अपनी बात रखते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा,'दिल्ली में हर तरफ़ डर और असुरक्षा का माहौल है। गली-मोहल्लों में गोलियां चल रही हैं, व्यापारियों को धमकियां दी जा रही हैं, सरे आम हत्याएं हो रही हैं। अमित शाह जी ने दिल्ली की क़ानून व्यवस्था का मज़ाक़ बनाकर रख दिया है। आज शाम को नांगलोई में ऐसे दो परिवारों से मिलने जा रहा हूँ। एक परिवार की दुकान पर दिन-दहाड़े गोलियाँ चली थीं। दूसरे परिवार से फ़ोन पर करोड़ों रूपए की फ़िरौती माँगी गई। और ये सब पूरी दिल्ली में हो रहा है, रोज़ अख़बारों में खबरें छप रही हैं। क्या किसी ने ये सोचा था कि दिल्ली एक दिन देश का extortion Capital बन जाएगा? और ये सब अमित शाह जी के घर के कुछ किलोमीटर दूर ही हो रहा है। दिल्ली के लोग दहशत में जी रहे हैं और ये लोग हाथ पर हाथ रखे बैठे हैं। वहीं, अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में आप पार्टी का स्थापना दिवस मनाया था।
इतना ही नहीं दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी अमित शाह पर वार करते हुए कहा कि दिल्ली में अपराध बढ़ते जा रहे हैं, और अमित शाह जी का गृह मंत्रालय पूरी तरह विफल है। सुरक्षा दिलाने के लिए जनता ने भाजपा पर भरोसा किया, लेकिन बदले में केवल डर और रंगदारी का माहौल मिला। तथ्य बताते हैं:
- दिल्ली की अपराध दर 1518.2 प्रति लाख, जो राष्ट्रीय औसत 483.8 से तीन गुना अधिक है।
- महिलाओं के खिलाफ अपराध दर 144.4 प्रति लाख, जबकि राष्ट्रीय औसत 66.4।
- 2023 में 180 गोलीबारी की घटनाएं, 50+ मौतें।
- 2024 में अब तक 1,500+ रेप केस।
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