AAP Vs BJP in Delhi Liquor Policy case: दिल्ली विधानसभा चुनाव के पहले एक बार फिर राज्य में शराब पॉलिसी केस का मुद्दा फिर गरमाया है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अरविंद केजरीवाल पर केस चलाने के लिए ईडी को मंजूरी देने के दावे के बाद आप और बीजेपी एक बार फिर आमने-सामने है। आम आदमी पार्टी ने कहा कि चुनाव के पहले बीजेपी प्रोपगैंडा फैला रही है। अगर एलजी ने कोई अप्रूवल दिया है तो ईडी को वह लेटर दिखाना चाहिए। आम आदमी पार्टी ने कहा कि बीजेपी को झूठ और भ्रामक सूचनाएं फैलाने में महारथ है।
दरअसल, सूत्रों के हवाले से यह सूचना आई थी कि दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने ईडी को शराब नीति केस से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केस चलाने की अनुमति दे दी है। यह मंजूरी दिल्ली चुनाव से पहले मिलने के दावे से राजनीति भी गरमा गई है। यह इसलिए क्योंकि लोकसभा चुनाव में कोर्ट ने उनको राहत देते हुए प्रचार के लिए जेल से बाहर आने की छूट दी थी। हालांकि, लोकसभा चुनाव में पार्टी को हार मिली थी। चुनाव बाद रेगुलर जमानत पाने वाले केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। अगले कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं। केजरीवाल ने जनता से दोबारा जनादेश मिलने के बाद ही पद संभालने की प्रतिज्ञा की है। इसलिए दिल्ली विधानसभा चुनाव केजरीवाल के लिए एक अग्निपरीक्षा साबित होने जा रही है।
केजरीवाल के खिलाफ केस चलाए जाने की मंजूरी उपराज्यपाल ने दी है या नहीं? अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है लेकिन चुनाव नजदीक होने की वजह से राजनीति शुरू हो चुकी है।
भारतीय जनता पार्टी ने केजरीवाल के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी का स्वागत करते हुए कहा कि हमारे आरोपों को और मजबूती मिली है। हम फैसले का स्वागत करते हैं। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि हम कह रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल ने शराब घोटाले में कमीशन लिया है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, वे फंसेंगे। उन्होंने दिल्ली को बर्बाद कर दिया है और करोड़ों रुपये लूटे हैं, हम जांच का स्वागत करते हैं।
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि लोगों का ध्यान दूसरे मुद्दों से हटाने के लिए यह खबर फैलाई जा रही है और उन्होंने ईडी से मंजूरी पत्र को सार्वजनिक करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा: अगर एलजी साहब ने अरविंद केजरीवाल जी पर मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है तो ईडी को मंजूरी की कॉपी सार्वजनिक करने में क्या दिक्कत है? यह खबर सिर्फ लोगों को गुमराह करने और मुद्दों से उनका ध्यान हटाने के लिए फैलाई जा रही है। भाजपा, ये साजिशें बंद करो। सच्चाई सामने लाओ।
पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने एक बयान में कहा कि गृहमंत्री अमित शाह द्वारा अंबेडकर पर की गई अपमानजनक टिप्पणी से ध्यान भटकाने के लिए यह एक कोशिश है। बीजेपी लोगों को गुमराह करने के लिए शराब कांड को लेकर झूठ फैला रही।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने नई आबकारी नीति लागू किया था। बीजेपी ने इस नीति को कुछ सिंडिकेट को लाभ पहुंचाने के लिए बनाने का आरोप लगाया था। भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद उपराज्यपाल ने इसकी सीबीआई जांच की मंजूरी दे दी थी। हालांकि, आरोप लगने के बाद दिल्ली सरकार ने नई नीति को खत्म कर पुरानी नीति को लागू कर दिया था। उधर, सीबीआई ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दिया। ईडी ने भी तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया सहित कई आप नेताओं को भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप में कथित मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। सिसोदिया, संजय सिंह, केजरीवाल सहित कई नेता और ब्यूरोक्रेट इस मामले में जेल भी गए लेकिन ईडी या सीबीआई द्वारा कोई ठोस सबूत पेश नहीं किए जाने के बाद केस आगे नहीं बढ़ सका। केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा कोई सबूत या रिकवरी नहीं किए जाने से नाराज कोर्ट ने धीरे-धीरे अधिकतर नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स को जमानत दे दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जांच एजेंसियों को फटकार भी लगाई थी।
कथित घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रही ईडी ने 21 मार्च को केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल सितंबर में जेल से बाहर आए। रिहा होने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और 2025 के राज्य चुनावों में लोगों द्वारा उनकी पार्टी को फिर से चुने जाने के बाद ही शीर्ष पद पर लौटने की कसम खाई।
केजरीवाल और आप के खिलाफ ईडी ने अपना अंतिम आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया था। आरोपपत्र में ईडी ने कथित घोटाले के मास्टरमाइंड के रूप में केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम लिया था। सिसोदिया भी शराब नीति मामले में 18 महीने जेल में रहने के बाद अगस्त 2024 में जमानत पाए। सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया को जमानत देते हुए कहा कि वह त्वरित सुनवाई के हकदार हैं। अभी तक केंद्रीय एजेंसी ने कोई रिकवरी या पुख्ता सबूत नहीं पेश किए हैं। न ही केस ही शुरू हो सका है। ईडी ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल और सिसोदिया ने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत के बदले दक्षिण लॉबी की मदद करने के लिए आबकारी नीति 2021-22 में बदलाव किए। इसमें से आप ने गोवा चुनाव में प्रचार के लिए 45 करोड़ रुपये खर्च किए।
उधर, पूर्व सीएम केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट में आरोप पत्र रद्द करने की अपील की है। इसके बाद कोर्ट ने ईडी को भी नोटिस जारी किया है।
यह भी पढ़ें:
केजरीवाल के गढ़ में BJP का 'प्रवेश': बीजेपी भी पूर्व CM के बेटे पर लगाएगी दांव?