असम में भूकंप के झटके, उदलगुरी में तीव्रता मापी गई 5.8, जानें कौन-से इलाके हैं संवेदनशील

Published : Sep 14, 2025, 06:19 PM IST
 strong tremors across Guwahati, Northeast India

सार

Assam Earthquake Alert: उदलगुड़ी में 5.8 तीव्रता का भूकंप, लोग दहशत में, अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं। पूर्वोत्तर भारत में बार-बार भूकंप क्यों आते हैं? भूकंप की जानकारी और विशेषज्ञों की चेतावनियों के लिए अपडेट रहें।

Assam Earthquake 2025: असम भूकंप समाचार, पूर्वोत्तर भूकंप अलर्ट, गुवाहाटी भूकंप 2025-असम और देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में रविवार को अचानक 5.8 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। उदलगुरी जिले में केंद्रित इस भूकंप ने स्थानीय लोगों को दहशत में डाल दिया। लोग अपने घरों और इमारतों से बाहर निकल आए, जबकि सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने स्थिति पर कड़ी नजर रखी। अभी तक किसी भी जान-माल के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है। भूकंप की यह घटना उस समय हुई जब लोग दोपहर की शांति में थे। रिक्टर स्केल पर 5.8 तीव्रता का भूकंप असम के संवेदनशील क्षेत्र में आया, जो भूकंप के लिहाज से हमेशा सतर्क रहने की जरूरत बताता है।

उदलगुरी में भूकंप का केंद्र और तीव्रता

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के अनुसार, यह भूकंप दोपहर 4:41 बजे आया। इसका केंद्र उदलगुरी जिले में मात्र 5 किलोमीटर की गहराई पर था। विशेषज्ञों का कहना है कि भूकंप की इस गहराई और तीव्रता से आसपास के इलाके में झटके महसूस हुए, लेकिन कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। स्थानीय लोगों ने बताया कि झटके इतने तेज थे कि लोग घरों से बाहर निकल आए। सरकारी अधिकारियों ने तुरंत इलाके का सर्वेक्षण शुरू कर दिया और फिलहाल कोई हताहत या संपत्ति क्षति की खबर नहीं मिली।

 

 

पूर्व इतिहास: असम में भूकंप का खतरा

असम और पूर्वोत्तर क्षेत्र भूकंप के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र में आता है। पिछले कुछ वर्षों में यहाँ कई भूकंप आ चुके हैं। उदाहरण के तौर पर, 2021 में असम के सोनितपुर जिले में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था। उस समय कई कस्बों में इमारतों को नुकसान हुआ था और लोगों में डर व्याप्त हो गया था। भूकंप विशेषज्ञ बताते हैं कि 4.5 से ऊपर की तीव्रता वाले भूकंप में घरों और इमारतों को नुकसान होने का खतरा रहता है। वहीं 7.0 या उससे ऊपर की तीव्रता वाले भूकंप को अधिक खतरनाक माना जाता है।

क्यों आता है भूकंप?

जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के उत्तर क्षेत्र निदेशक डॉ. भृगु शंकर के अनुसार, पृथ्वी की सतह कई प्लेटों से बनी है। ये प्लेटें लगातार सरकती रहती हैं। प्लेटों के बीच घर्षण और दबाव के कारण जमीन के भीतर ऊर्जा बनती है। जब यह ऊर्जा अचानक बाहर आती है, तो भूकंप के झटके महसूस होते हैं। पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्लेट टेक्टॉनिक्स की वजह से यह क्षेत्र भूकंप के लिहाज से हमेशा संवेदनशील माना जाता है। विशेषज्ञों की सलाह है कि लोगों को सुरक्षित रहने के उपाय अपनाने चाहिए।

 

 

मिस्ट्री और सस्पेंस: क्या आने वाला है बड़ा झटका?

भूकंप का यह अचानक झटका स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय बन गया है। विशेषज्ञों की नजर लगातार इस क्षेत्र पर बनी हुई है। क्या यह भूकंप आने वाले बड़े झटकों का संकेत हो सकता है? असम और पूर्वोत्तर के लोग सतर्क हैं, और प्रशासन आपदा प्रबंधन के उपायों को तेज कर रहा है।

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