
Delhi Zoo Closed: दिल्ली के जू में बर्ड फ्लू का मामला सामने आया है। चिड़ियाघर के वाॅटर बर्ड एवियरी में दो पेंटेड स्टार्क पक्षी मृत पाए गए थे। इनके नमूने 27 अगस्त को जांच के लिए भोपाल स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज भेजे गए थे। जांच रिपोर्ट में दोनों पक्षियों में एच5एन1 एवियन इन्फ्लुएंजा यानी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई।
28 अगस्त की शाम रिपोर्ट आने के बाद चिड़ियाघर प्रशासन ने इसे गंभीर मानते हुए तुरंत ऐहतियाती कदम उठाए। सुरक्षा उपाय के तहत दिल्ली चिड़ियाघर को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। साथ ही, सभी पक्षियों की निगरानी बढ़ा दी गई है और संक्रमित पक्षियों को अलग-थलग करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रशासन का कहना है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बर्ड फ्लू का वायरस न केवल पक्षियों बल्कि इंसानों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरी सावधानी बरती जा रही है।
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बर्ड फ्लू को एवियन इन्फ्लूएंजा भी कहते हैं। यह एक वायरल बीमारी है जो मुख्य रूप से पक्षियों को प्रभावित करती है, खासकर जंगली और पालतू मुर्गियों को। इसके अलावा यह कुछ प्रवासी जलपक्षियों, पालतू पक्षियों और शुतुरमुर्ग जैसी प्रजातियों में भी पाया जाता है। बर्ड फ्लू कभी-कभी इंसानों को भी संक्रमित कर सकता है। इंसानों में यह आमतौर पर संक्रमित पक्षियों के सीधे संपर्क से फैलता है। इसके कई प्रकार हैं, जैसे H5N1, H5N6 और H7N9। इंसानों में बर्ड फ्लू के पहले मामले 1997 में देखे गए थे। उस समय एवियन इन्फ्लूएंजा ए वायरस से कई लोग संक्रमित हुए और कुछ की मौत भी हो गई थी।
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