
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव जल्दी होने वाले हैं। ऐसे में सभी पार्टियां ये कोशिश करने में जुटी हुई है कि किसी भी हाल में विपक्ष पार्टियों के मत को अपनी तरफ कर लें। इस वक्त बीजेपी और आप पार्टी के बीच झुग्गियों की राजनीति देखने को मिल रही है। बीजेपी के कुछ नेताओं ने दिल्ली की बस्तियों और झुग्गियों में रूककर उनकी परेशानियां सुनी। साथ ही उनके साथ एक रात भी बिताई। इस चीज पर आम आदम पार्टी के नेता बीजेपी पर जमकर निशान साधते हुए दिखाई दे रहे हैं। अब सवाल ये उठता है कि आखिरी क्यों बीजेपी झुग्गियों में रहने के लिए गई। क्या आम आदमी पार्टी के नेताओं को इससे नुकसान होगा।
आम आदमी पार्टी इसीलिए बीजेपी के झुग्गियों में रूकने का विरोध कर रही है क्योंकि वहां से उनके वोट कम पड़ सकते हैं। यानी आप पार्टी को दिल्ली की झुग्गियों से अच्छे खासे वोट हासिल होते हैं। ऐसे में बीजेपी इन वोटों को अपनी तरफ करना चाहती है। दिल्ली में लगभग 1800 झुग्गी-झोपड़ियां हैं। उनमें 20 लाख लोग रहते हैं। इसीलिए सभी पार्टियां चाहती है कि इनका वोट उनके पक्ष में आए। वहीं आम आदमी पार्टी की मुफ्त योजनाओं का लाभ झुग्गी-झोपड़ी वाली लोगों को मिलता है। बिजली से लेकर मुफ्त यात्रा महिलाओं को दी जाती है। 2015 में करीब 66 प्रतिशत लोगों ने आप पार्टी को वोट दिया था। वहीं, 2020 में 61 प्रतिशत सबसे गरीब वोटर्स ने आप के खाते में वोट डाला था। सभी पार्टियां अपने-अपने झुग्गियों में अपनी दाल गिलाती हुई दिखाई दे रही है।
आम आदमी पार्टी किसी भी तरह से अपने वोटर्स को खुद से अलग नहीं करना चाहती है। लगातार आप पार्टी के नेता बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं। इस संदर्भ में दिल्ली की सीएम आतिशी ने भी आज बीजेपी पर जमकर निशाना साधने का काम किया। साथ ही कहा कि बीजेपी अभी अच्छा बर्ताव कर रही है, लेकिन बाद में वो उनकी झुग्गी-झोपड़ियां तुड़वा देगी। वो गरीबों से नफरत करती है।
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