बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि दिल्ली के लोग आप पार्टी के शासन से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है। वे आने वाले चुनाव में बीजेपी को ही वोट देंगे।
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर इस वक्त बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच जमकर हंगामा होता हुआ दिखाई दे रहा है। इस वक्त पक्ष और विपक्ष के बीच इस चुनाव को लेकर जुबानी जंग होती नजर आ रही है। इस लड़ाई में अब बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि दिल्ली के लोग आप पार्टी के शासन से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है। वे आने वाले चुनाव में बीजेपी को ही वोट देंगे। उनका कहना है कि दिल्ली वालों की समस्या हल करने में आम आदमी पार्टी इस वक्त विफल साबित हो रही है।
अपनी बात रखते हुए बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने कहा, ''दिल्ली में हर व्यक्ति आप के शासन और प्रदूषित पानी, जहरीली हवा, यमुना की स्थिति, वरिष्ठ नागरिकों के लिए लंबित पेंशन, झूठे वादे और चरमराई राशन कार्ड प्रणाली जैसे मुद्दों से परेशान है। पिछले 10 वर्षों में, शहर में प्रदूषित पानी के कारण 21,000 लोगों की मौत हुई है। मुद्दों को हल करने के बजाय, केजरीवाल ने दिल्ली को कर्ज में धकेल दिया है। लोग अब उनके नए वादों पर भरोसा करने के बजाय उनकी सरकार का मूल्यांकन कर रहे हैं।'
इसके अलावा अरविंद केजरीवाल को लेकर मनोज तिवारी ने कहा,'वह लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने जैसे बुनियादी मुद्दों को हल करने में विफल रहे हैं।10 साल तक शासन करने के बाद भी वह साफ पानी मुहैया कराने की बात करते हैं। दिल्लीवासियों को अब गुमराह नहीं किया जा सकता।' मनोज तिवारी ने रोहिंग्या प्रवासियों और अवैध बांग्लादेशी के मुद्दे को लेकर भी केजरीवाल पर वार किया। उन्होंने कहा, ''केजरीवाल ने अवैध प्रवासियों को मतदाता बनाने में मदद की। यही कारण है कि लोगों को आश्चर्य होता है कि जनता के असंतोष के बावजूद आप कैसे जीत गई। चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामों की जल्दी घोषणा करना जीत की गारंटी नहीं है। आप ने अपने उम्मीदवारों की जल्दी घोषणा करके, अपने मौजूदा विधायकों को दरकिनार कर और उन पर विश्वास न होने का प्रदर्शन कर अपनी खामियां उजागर कर दी हैं। इसके बजाय, उसने कई बाहरी लोगों को टिकट दिया है।'' सीएम के चेहरे पर बात करते हुए मनोज तिवारी ने कहा,' ''बीजेपी में प्रतिबद्धता मायने रखती है और कोई भी कार्यकर्ता मुख्यमंत्री पद का चेहरा बन सकता है। हमारा ध्यान दिल्ली को बीजेपी के शासन के तहत लाना और इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘डबल-इंजन’ मॉडल के साथ जोड़ना है।'
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