
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Election) 5 फरवरी के दिन होने जा रहे हैं। ऐसे में बीजेपी (BJP), कांग्रेस (Congress) और आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के नेता दिल्ली के लोगों को लुभाने के लिए अलग-अलग तरह के वादे करती हुई नजर आ रही है। साथ ही कई नेता तो लोगों के बीच उतरकर उनसे वोट मांग रहे हैं, लेकिन दिल्ली की जनता किन-किन परेशानियों को पिछले कई सालों से झेल रही है उसका समाधान अभी तक नहीं निकल पाया है। आइए जानते हैं पिछले कई सालों से दिल्ली वालों को किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके सुलझने का वो कब से इंतजार कर रहे हैं।
दिल्ली वाले हर साल पानी की समस्या से गुजरते हुए दिखाई देते हैं। कई जगहों पर तो एक दिन छोड़कर एक दिन पानी आता है। इस परेशानी का सामना दिल्ली वाले ज्यादातर गर्मी के मौसम में करते हुए नजर आते हैं। वहीं, दिल्ली के कई इलाकों में कई-कई दिनों तक पानी नहीं आता है। दिल्ली सरकार के 2024-2025 के आर्थिक सर्वे के मुताबिक दिल्ली वाले हर दिन 129 करोड़ गैलन पानी की जरूरत रहती है। लेकिन दिल्ली वालों को हर दिन 95.3 करोड़ गैलन पानी मिलता है।
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दिल्ली वाले कूड़े की परेशानी से भी गुजर रहे हैं। कूड़े का पहाड़ लोगों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। दिल्ली में तीन लैंडफिल साइट है, जहां पर कूड़े-कचरे को इक्ट्ठा करके रखा जाता है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक 31 अक्टूबर 2023 तक ओखला साइट पर 36.62 लाख टन कचरा जमा हुआ था। दिल्ली में सबसे बड़ा कूड़े का पहाड़ गाजीपुर लैंडफिल साइट में ही है। 2019 में इसकी ऊंचाई 65 मीटर तक पहुंच गई थी, यहां पर कूड़े का पहाड़ इतना ऊंचा हो गया था कि वो कुतुब मीनर से केवल 8 मीटर ही छोटा रह गया था। साइंस जर्नल लैंसेट की स्टडी बताती है कि लैंडफिल साइट के पास पांच किलोमीटर के दायरे में जो लोग रहते हैं उन्हें अस्थमा, टीबी, डायबिटीज और डिप्रेशन की परेशानी होने का खतरा ज्यादा रहता है।
दिल्ली में ट्रैफिक जाम की समस्या काफी ज्यादा बढ़ती जा रही है। दिल्ली सरकार के 2023-2024 के आर्थिक सर्वे से पता चलता है कि दिल्ली में 85 लाख से ज्यादा गाड़ियां रजिस्टर्ड हैं। हर साल 6 लाख से ज्यादा गाड़ियां रजिस्टर होती है। हर दिन दिल्ली में 11 लाख से अधिक गाड़ियां आती-जाती रहती है, जिसकी वजह से ये परेशानी बढ़ती चली जा रही है। नीदरलैंड्स की एक संस्था टॉम टॉम है जो हर साल ट्रैफिक इंडेक्स जारी करती है, जिसके मुताबिक दिल्ली दुनिया का 44वां सबसे कंजेस्टेड शहर है।
दिल्ली वालों की सबसे बड़ी परेशानियों में से एक हैं प्रदूषण की परेशानी। सितंबर के बाद से यहां की हवा की क्वालिटी बिगड़ना शुरू हो जाती है। जब सर्दियां शुरू होती है तब लोगों को सांस लेने में परेशानी होने लगती है। दिल्ली के अंदर 28 जनवरी 2025 के दिन एक्यूआई 268 दर्ज किया गया है, जोकि खराब श्रेणी में आता है। खराब हवा के चलते सरकार स्कूल और ऑफिस दोनों बंद करके वर्क फ्रॉम होम कर देती है।
दिल्ली की खराब सड़के भी सबसे बड़ी परेशानी लोगों के लिए बनी हुई है। कई जगहों पर खराब रास्ते होने के चलते लोगों को काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। दिल्ली में बारिश होने के बाद सड़कों की हालत काफी ज्यादा खराब हो जाती है। लोगों को आवाजाही में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
दिल्ली में अतिक्रमण की समस्या लोग काफी ज्यादा झेलते हुए दिखाई देते हैं। बाजार हो या फिर गली मोहल्ला या फिर मेन सड़क। यहां पर कब्जा करने वाले कहीं भी नहीं चूकते हैं। सबकुछ खुलेआम होता है। लोगों को इस मामले में शिकायत करने से भी डर लगता है।
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खुद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अरविंद केजरीवाल सीवर ओवरफ्लो के मुद्दे को उठा चुके हैं। उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी समस्या सीवर लाइन की है। यहां कई कॉलोनियां में इसका काम पूरा हो चुका है। वहीं, कई लोग इस परेशानी से गुजर रहे हैं।
दिल्ली में अपराध के मामले भी सबसे बड़ी समस्या है। आप पार्टी के कई नेता इस मुद्दे को लेकर बीजेपी को घेरते हुए दिखाई दे चुके हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भी निशाना बनाया जा चुका है। लेकिन हाल ही में जो दिल्ली पुलिस ने आंकड़े जारी किए थे उसके मुताबिक दिल्ली में क्राइम की घटनाओं में कमी दर्ज हुई है।
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