
12-year-old student arrested for bomb threat Delhi: दिल्ली में मंगलवार का दिन उस समय तनावपूर्ण बन गया, जब दो प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों — सेंट स्टीफंस कॉलेज और सेंट थॉमस स्कूल — को बम की धमकी भरे ईमेल मिले। जैसे ही ये खबर फैली, प्रशासन और पुलिस तुरंत अलर्ट मोड में आ गई। हालांकि, जांच में जो सामने आया उसने सभी को चौंका दिया। दिल्ली पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि यह ईमेल एक महज 12 वर्षीय छात्र ने भेजा था, जो कक्षा 8 का छात्र है। पूछताछ में बच्चे ने बताया कि वह सिर्फ चाहता था कि स्कूल बंद हो जाए। उसने यह ईमेल एक मज़ाक के तौर पर भेजा और गलती से कॉलेज और स्कूल दोनों को टैग कर दिया।
जहाँ एक तरफ यह ईमेल उसी छात्र से जुड़ा पाया गया, वहीं दिल्ली के अन्य स्कूलों को भेजे गए धमकी भरे ईमेल VPN (Virtual Private Network) के जरिए भेजे गए थे, जिससे भेजने वाले की पहचान छुपाई जा सके। पुलिस ने उन ईमेल्स की भी फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी है।
बम धमकी के ईमेल मिलते ही दिल्ली पुलिस, बम निरोधक दस्ते और खोजी कुत्तों के साथ संबंधित स्कूल पहुंचे और पूरे परिसर की गहन तलाशी ली। सेंट स्टीफंस और सेंट थॉमस दोनों जगह जांच के बाद कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिली और स्कूल को सुरक्षित घोषित कर दिया गया।
चूंकि छात्र नाबालिग था, उसे हिरासत में लेकर बाल मनोवैज्ञानिकों द्वारा काउंसलिंग की गई और बाद में परिवार के सुपुर्द कर दिया गया। दिल्ली पुलिस ने उसके व्यवहार पर नजर रखने और आगे ऐसी घटना न दोहराने की चेतावनी दी है।
यह घटना एक चेतावनी है कि कैसे तकनीक के दुरुपयोग से गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं—even अगर भेजने वाला बच्चा ही क्यों न हो। यह मामला न केवल स्कूल प्रशासन बल्कि अभिभावकों और डिजिटल निगरानी प्रणाली के लिए भी एक महत्वपूर्ण सीख है।
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