होमवर्क पूरा न करने पर 16 वर्षीय छात्र को ट्यूशन टीचर ने बनाया बंधक, दी ऐसी सजा कि कांप उठी रूह

Published : Oct 11, 2025, 10:46 AM IST
Delhi tuition abuse case

सार

Teacher Beats Student: दिल्ली के किशनगढ़ ट्यूशन सेंटर में 16 वर्षीय छात्र को होमवर्क न करने पर टीचर ने बंधक बनाकर डंडे से पीटा। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, जिससे बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। पढ़ें पूरी घटना और सुरक्षा उपाय।

Delhi Tuition Abuse Case: दिल्ली के किशनगढ़ इलाके में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। 16 साल का छात्र, जो केंद्रीय विद्यालय में 11वीं कक्षा का छात्र है, अपने ट्यूशन टीचर की निर्दयता का शिकार बन गया। टीचर ने होमवर्क पूरा न करने के कारण बच्चे को ट्यूशन सेंटर में बंधक बनाकर डंडे से जमकर पीटा। यह घटना बच्चों और माता-पिता के लिए बेहद शॉकिंग और डरावनी साबित हुई।

क्या थी वजह? मासूम ने बताई अपनी आपबीती

पीड़ित छात्र ने पुलिस को बताया कि वह मुनिरका गांव स्थित ट्यूशन सेंटर में पढ़ता है। 6 अक्टूबर की शाम को जब उसने होमवर्क पूरा न करने की बात बताई, तो टीचर आनंद कुमार भड़क गया। उसने छात्र को पकड़कर बुरी तरह पीटना शुरू किया। इतना ही नहीं, चपरासी से डंडा मंगवाकर छात्र को बंधक बनाकर और भी अधिक मारपीट की गई।

परिवार को क्यों नहीं पता चला तुरंत?

डर के कारण छात्र ने दो दिन तक अपनी पिटाई की कहानी परिवार को नहीं बताई। तबीयत खराब होने पर जब परिवार ने पूछताछ की, तो मासूम ने अपनी आपबीती बताई। इसके बाद तुरंत पुलिस को सूचना दी गई और एमएलसी करवाकर केस दर्ज किया गया।

पुलिस की जांच-कितनी गंभीर है स्थिति?

पुलिस ने छात्र के बयान के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल, ट्यूशन के बाकी बच्चों से पूछताछ जारी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, मामला काफी सेंसिटिव और गंभीर है, और आरोपी टीचर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। हालांकि अभी तक आरोपी शिक्षक की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस का कहना है कि घटना की गहनता से जांच की जा रही है। जांच के बाद ही कोई एक्शन लिया जाएगा।

ऐसी घटनाओं से अपने बच्चे को कैसे रखें सुरक्षित?

ऐसी घटनाओं से हमें बच्चों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है। यदि कोई बच्चा इस तरह की परेशानियों का सामना कर रहा है, तो पुलिस और शिक्षा विभाग से तुरंत संपर्क करें। कुल मिलाकर, यह मामला न केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश के लिए चेतावनी है कि बच्चों की पढ़ाई और अनुशासन के नाम पर शिक्षकों द्वारा हिंसा बर्दाश्त नहीं की जा सकती।

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