
Swami Chaitanyananda Saraswati: स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी के खिलाफ दर्ज FIR में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पता चला है कि शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट का निदेशक हॉस्टल में लगाए गए निगरानी कैमरों के जरिए छात्राओं पर नजर रखता था। वह बाथरूम जाने वाली लड़कियों को अपने फोन पर लाइव देखता था।
FIR के अनुसार, चैतन्यानंद ने सिक्योरिटी की आड़ में गर्ल्स हॉस्टल में गुप्त कैमरे लगवाए थे। इन कैमरों (जिनमें शौचालयों के ठीक बाहर लगे कैमरे भी शामिल हैं) की फीड सीधे उसके फोन पर आती थी। इससे वह छात्राओं की गतिविधियों पर नजर रखता था। एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि संस्थान में लगे कैमरों के अलावा, हॉस्टल की लॉबी और बाथरूम के बाहर भी सीसीटीवी निगरानी लगाई गई थी। हॉस्टल में EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) की 75 छात्राएं रहती हैं।
चैतन्यानंद के खिलाफ शिकायत करने वाली छात्राओं ने EWS स्कॉलरशिप कैटेगरी के तहत पोस्ट-ग्रेजुएट मैनेजमेंट डिप्लोमा कोर्स में एडमिशन लिया हैं। छात्राओं ने आरोप लगाया कि चैतन्यानंद ने उन्हें शिकार बनाने के लिए इस निगरानी प्रणाली का इस्तेमाल किया। जांचकर्ताओं ने यह भी पाया कि सीसीटीवी फुटेज के कुछ हिस्सों को जानबूझकर मिटा दिया गया था, जिससे मामले को छिपाने की कोशिश का संदेह पैदा होता है। आरोपी ने संस्थान के डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (डीवीआर) सिस्टम से भी छेड़छाड़ की, जिससे सीसीटीवी के महत्वपूर्ण सबूत नष्ट हो गए। हालांकि, पुलिस का मानना है कि उसकी BMW का डैशकैम कुछ ठोस सबूत दे सकता है।
दिल्ली पुलिस वार्डन और अन्य लोगों की भूमिका की जांच कर रही है। डिजिटल सबूत जुटा रही है और परिसरों की तलाशी ले रही है। पीड़ितों के बयान न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज किए गए हैं।
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सूत्रों ने पहले दावा किया था कि सरस्वती ने संस्थान में अपने ग्राउंड फ्लोर स्थित ऑफिस को "यातना कक्ष" में बदल दिया था। यहां छात्राओं, खासकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की छात्राओं का कथित तौर पर शोषण किया जाता था। यह खुलासा उनके खिलाफ पहले से लगे यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ के आरोपों में और इजाफा करता है।
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