Delhi Yamuna Flood News: यमुना में आई बाढ़ से दिल्ली में हाहाकार मचा हुआ है। निचले इलाकों में पानी भरने से लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, कई जगहों पर पानी की किल्लत और ट्रैफिक जाम से हालात बदतर।
यमुना का कहर, दिल्ली के निचले इलाकों में तबाही जैसा मंजर!
बढ़ते जलस्तर ने दिल्ली के निचले इलाकों को तबाह कर दिया है। घरों में पानी भर गया, सड़कों पर सन्नाटा और लोग राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं। यमुना का उफान आम जिंदगी को मौत जैसा खौफ दे रहा है।
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उजड़े आशियाने - तिब्बती कॉलोनी और यमुना बाजार वीरान
तिब्बती कॉलोनी और यमुना बाजार जैसे इलाके वीरान हो गए हैं। लोग अपनों के घरों में शरण ले रहे हैं, लेकिन पीछे छूटे घर खंडहर जैसे लग रहे हैं। उम्मीदें हर लहर के साथ डूबती नजर आ रही हैं।
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मजबूरी का सहारा - राहत शिविरों में कैद हुए सैकड़ों परिवार
आईटीओ ब्रिज के पास बने शिविरों में मजदूर और परिवार तंगी झेल रहे हैं। कामधंधा छोड़कर लोग टाट-पलंग पर जिंदगी काटने को मजबूर हैं। बाढ़ ने उनकी रोज़मर्रा की जिंदगी को कैद कर दिया है।
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पुश्ता रोड पर यातना - जाम में फंसे लाखों बेबस लोग
बाढ़ पीड़ितों और ट्रैफिक जाम ने पुश्ता रोड को नरक बना दिया है। घंटों तक रेंगते वाहन, रोते बच्चे और परेशान लोग—यह नजारा इंसान की बेबसी और शहर की बदहाली की तस्वीर खींचता है।
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मौत की धारा - गाय बचाने निकला ओमबीर यमुना में समाया
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, न्यू उस्मानपुर में ओमबीर की मौत ने बाढ़ के खौफ को और गहरा दिया। अपनी गाय को बचाने की कोशिश ने उसकी जान ले ली। यमुना की लहरें अब सिर्फ पानी नहीं, बल्कि मौत का मंजर लेकर बह रही हैं।
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घटा जलस्तर मगर बढ़ा खौफ - डूबती जिंदगियों का संघर्ष
यमुना के जलस्तर में कमी आई है, लेकिन खतरा अब भी सिर पर मंडरा रहा है। सैकड़ों परिवारों की जिंदगियां पानी के बीच फंसी हैं। हर सुबह इस डर के साथ शुरू होती है कि अगली लहर क्या तबाही लाएगी।
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पानी की दोहरी मार - बाढ़ में डूबी दिल्ली अब प्यास से तड़पी
सिविल लाइंस से लेकर बुराड़ी तक लोगों को न केवल बाढ़ बल्कि प्यास भी मार रही है। वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट्स की क्षमता घट गई है और साफ पानी अब एक ख्वाहिश बन चुका है।
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हथिनीकुंड का सैलाब - कीचड़ से जाम हुए ट्रीटमेंट प्लांट्स
हथिनीकुंड से छोड़े गए पानी में बढ़ी कीचड़ की मात्रा ने हालात बिगाड़ दिए। ट्रीटमेंट प्लांट्स 30% तक कम उत्पादन कर रहे हैं। नतीजा—दिल्ली के दिल में पानी के लिए हाहाकार।
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मयूर विहार की डूबी गलियां - नावों और डूबी कारों का मंजर
मयूर विहार की गलियां दरिया बन चुकी हैं। घरों में नावें तैर रही हैं, कारें पानी में डूबी हैं। लोग खिड़कियों से बाहर झांकते हैं, मानो अपने ही शहर में कैदी बन गए हों।
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डर और इंतजार - दिल्लीवालों की जिंदगी यमुना की कैद में
दिल्ली का हर निवासी अब सिर्फ एक सवाल पूछ रहा है—ये तबाही कब थमेगी? यमुना का जलस्तर कम जरूर हुआ है, लेकिन लोगों के दिलों में डर और इंतजार की नदी अब भी उफान मार रही है।